शिमला:हिमाचल प्रदेश में साइबर (cyber crime in himachal) अपराध तेजी से फैलता जा रहा है. साइबर ठग नए-नए हथकंडे अपना ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. अलग-अलग तरीके से साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल अब तक 5428 शिकायतें साइबर अपराध (cyber crime complaints registered in hp) के दर्ज हुए हैं. ज्यादातर शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड (financial fraud in shimla) से संबंधित है. पिछले साल 2020 में भी 1200 शिकायतें मिली थी.
वर्ष 2021 में 5428 शिकायतें साइबर अपराध के दर्ज हुए हैं. इनमें 2108 शिकायतें फाइनेंशियल फ्रॉड और 1731 सोशल नेटवर्किंग से संबंधित हैं. अन्य शिकायत 1402, मोबाइल गुम होने के 187 मामले सामने आए हैं. एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर का कहना है कि इस साल 54,85,426 रुपये ठगों से रिकवर किए गए हैं. 12 लाख रुपये प्रोसेस में हैं, वह भी जल्द ही रिकवर कर लिए जाएंगे.
ठग लॉटरी, इनाम, एटीएम ब्लॉक होना, बैंक खाता वेरिफिकेशन कराने जैसी बातों में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. शातिर लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर बैंक खातों से पैसा उड़ा रहे हैं. बैंक, आरबीआई, इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी बनकर डेबिट, क्रेडिट कार्ड, आधार और पैन कार्ड की डिटेल लेकर शातिर लोगों को चूना लगा रहे हैं.
बैंक खाते से जुड़ी जानकारी साझा ना करें: बैंक खाते से जुड़ी ठगी के लिए साइबर क्रिमिनल आपके बैंक खाते और एटीएम से जुड़ी जरूरी जानकारियों के ही सहारे होते हैं. कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता इसलिए आप अपने खाते से जुड़ी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें. फ्रॉड कॉल आने पर इसकी जानकारी पुलिस को दें ताकि पुलिस उस ठग तक पहुंच सके और भविष्य में वो किसी और के साथ ठगी ना कर सके.