शिमला: उद्योगपतियों से अवैध वसूली करने के मामले में हरियाणा के कई और व्यक्तियों के संलिप्त होने की आशंका है. यह खुलासा सीआईडी की एसआईटी जांच में हुआ है. एसआईटी की मानें तो हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारी की ओर से संचालित गिरोह ने कई उद्योगपतियों से वसूली की है. फर्जी आईजी विनय अग्रवाल और उसकी गैंग की ओर से हरियाणा पुलिस के आला अधिकारियों की शह पर हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में अवैध धन वसूली की जाती थी.
हिमाचल पुलिस प्रमुख संजय कुंडू ने प्रदेश के उद्योगपतियों से अपील की है कि बिना (illegal recovery case in Himachal Pradesh) किसी डर के पुलिस से संपर्क करें. सफेदपोश अपराध यानी अवैध उगाही से संबधित किसी भी तरह की जानकारी को डीजीपी के मोबाइल 9818153766 पर मिलकर साझा करें या फिर एसआईटी से संपर्क करें, ताकि न्याय किया जा सके और कानूनी कार्रवाई से होने वाले वित्तीय नुकसान को भी दूर किया जा सके. चूंकि एसआईटी को प्रदेश में सफेदपोश अपराध करने के पीछे हरियाणा से और लोगों के सीधे तौर पर शामिल होने की आशंका है. एसआईटी ने इस मामले में हरियाणा पुलिस के दो जवानों को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें कोर्ट ने 9 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है.
एसआईटी द्वारा जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी विनय अग्रवाल और हरियाणा के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से गिरोह ने पिछले कई वर्षों से कई उद्योगपतियों से जबरदस्ती वसूली की है. हरियाणा पुलिस के दो वर्दीधारी सिपाही रविंदर और जेल वार्डन जसवीर भी स्वचालित हथियारों के साथ विनय अग्रवाल के साथ जाते थे. एसआईटी की जांच में हर स्तर पर गिरोह द्वारा रंगदारी वसूलने और हरियाणा के एक अधिकारी की संलिप्तता का भी खुलासा हुआ है.