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उद्योगपतियों से अवैध वसूली मामले में बड़ा खुलासा, हरियाणा पुलिस की भी मिलीभगत! - हरियाणा पुलिस के दो वर्दीधारी सिपाही

उद्योगपतियों से अवैध वसूली करने के मामले में कई अहम खुलासे हुए हैं. यह खुलासा सीआईडी की एसआईटी जांच में हुआ है. एसआईटी को मामले में हरियाणा से और लोगों के सीधे तौर पर शामिल होने की आशंका है. एसआईटी ने इस मामले में हरियाणा पुलिस के दो जवानों को भी गिरफ्तार कर लिया है. कोर्ट ने आरोपियों को 9 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है.

illegal recovery case in Himachal Pradesh
हरियाणा पुलिस के दो वर्दीधारी सिपाही

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Published : Feb 10, 2022, 9:54 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 8:35 AM IST

शिमला: उद्योगपतियों से अवैध वसूली करने के मामले में हरियाणा के कई और व्यक्तियों के संलिप्त होने की आशंका है. यह खुलासा सीआईडी की एसआईटी जांच में हुआ है. एसआईटी की मानें तो हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारी की ओर से संचालित गिरोह ने कई उद्योगपतियों से वसूली की है. फर्जी आईजी विनय अग्रवाल और उसकी गैंग की ओर से हरियाणा पुलिस के आला अधिकारियों की शह पर हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में अवैध धन वसूली की जाती थी.

हिमाचल पुलिस प्रमुख संजय कुंडू ने प्रदेश के उद्योगपतियों से अपील की है कि बिना (illegal recovery case in Himachal Pradesh) किसी डर के पुलिस से संपर्क करें. सफेदपोश अपराध यानी अवैध उगाही से संबधित किसी भी तरह की जानकारी को डीजीपी के मोबाइल 9818153766 पर मिलकर साझा करें या फिर एसआईटी से संपर्क करें, ताकि न्याय किया जा सके और कानूनी कार्रवाई से होने वाले वित्तीय नुकसान को भी दूर किया जा सके. चूंकि एसआईटी को प्रदेश में सफेदपोश अपराध करने के पीछे हरियाणा से और लोगों के सीधे तौर पर शामिल होने की आशंका है. एसआईटी ने इस मामले में हरियाणा पुलिस के दो जवानों को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें कोर्ट ने 9 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है.

एसआईटी द्वारा जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी विनय अग्रवाल और हरियाणा के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से गिरोह ने पिछले कई वर्षों से कई उद्योगपतियों से जबरदस्ती वसूली की है. हरियाणा पुलिस के दो वर्दीधारी सिपाही रविंदर और जेल वार्डन जसवीर भी स्वचालित हथियारों के साथ विनय अग्रवाल के साथ जाते थे. एसआईटी की जांच में हर स्तर पर गिरोह द्वारा रंगदारी वसूलने और हरियाणा के एक अधिकारी की संलिप्तता का भी खुलासा हुआ है.

पुलिस के अनुसार यह मामला कोई सफेदपोश अपराध नहीं है बल्कि इस अपराध के पीछे एक ऐसा गिरोह है, जिसकी कई कड़ियां हो सकती हैं. सीआईडी की एसआईटी कई कड़ियां प्रदेश के कालाअंब, बद्दी नालागढ़ व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर खंगाल रही है. हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले आरोपी विनय अग्रवाल की चल और अचल संपत्तियों की जानकारी जुटा रही है. फर्जी आईजी के साथी राजीव सेठी से भी इस मामले में पूछताछ की जा रही है.

एसआईटी आरोपी के बैंक खातों की डिटेल को भी खंगाल रही है. एसआईटी यह भी देख रही है कि उद्योगपतियों ने जो आरोप लगाए हैं वे कितने सही हैं, इसे लेकर भी सीआईडी की एक टीम हरिद्वार पंचकूला, कालाअंब, बद्दी के उद्योगपतियों से पूछताछ कर जानकारी ले रही है. सीआइडी की जांच की आंच कई रसूखदारों तक पहुंच चुकी है. सीआईडी के अनुसार हरियाणा में कई लोग आरोपियों के साथ संपर्क में रहते थे. इन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.

बताते चलें कि केंद्र सरकार में खुद को आईबी का आईजी बताकर आरोपित ने हिमाचल में करोड़ों रुपयों की उगाही की है. जानकारी के मुताबिक हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला यह शातिर विनय अग्रवाल हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस अधिकारी के साथ उगाही करने के लिए जाता था. प्रदेश के कालाअंब, बद्दी, नालागढ़ व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर आईबी का फर्जी अफसर बनकर उद्योगपतियों को डरा धमका कर उनसे मोटी रकम की उगाही करता था. औद्योगिक क्षेत्रों में आईबी के अफसर नाम से सक्रिय इस विनय अग्रवाल के खिलाफ हिमाचल पुलिस के सीआईडी थाना भराड़ी में मामला दर्ज किया गया है.

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Last Updated : Feb 12, 2022, 8:35 AM IST

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