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IGMC रेजिडेंट डॉक्टरों ने रोहड़ू मामले में की कड़ी कार्रवाई की मांग, मेडिपर्सन एक्ट हो सख्ती से लागू - Rohdu doctor assaulting case

आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों ने रोहड़ू में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के मामले का विरोधा जताया है. रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस मामले के दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है और मेडिपर्सन एक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग की है.

IGMC resident doctors news
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Published : Aug 19, 2020, 10:14 PM IST

शिमलाः आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को रोहड़ू में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के मामले की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मेडिपर्सन एक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग उठाई.

आईजीएमसी के डॉ. घनश्याम वर्मा ने बताया कि लगातार डॉक्टरों पर हमले बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे सख्ती से मेडिपर्सन एक्ट लागू करें ताकि डॉक्टर अपना काम बेहतर ढंग से कर सकें.

इसके अलावा आरडीए ने अनुबंधित मेडिकल ऑफिसर के ग्रेड पे की कटौती के विरोध में पूरा समर्थन दिया है. डॉ. घनश्याम ने बताया कि आईजीएमसी आरडीए डॉक्टर अभी भी इस कटौती के खिलाफ काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जो कैंडिडेट डायरेक्ट कोटे से पीजी के लिए आते हैं, उन्हें फिल्ड में तो इंसेंटिव दिया जाता है, लेकिन जब वे आईजीएमसी में आते हैं तो उन्हें इंसेटिव नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि यह गलत है. इसके अलावा सीनियर रेजिडेंट को टीचिंग के लिए अन्य राज्यों में केवल एक साल का एक्सपीरियंस मांगा जाता है, जबकि हिमाचल में एक साल फिल्ड एक्सपीरियंस और तीन साल रजिस्ट्रारशिप अनिवार्य की गई है.

इससे बाहर से एक साल का अनुभव लाने वालों को फायदा हो रहा है जबकि हिमाचल के डॉक्टरों को इसमें नहीं लिया जाता. उन्होंने सरकार से मांग उठाई कि इन सभी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.

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