शिमला: हर वर्ष वैश्विक आयोडीन कमी विकार निवारण दिवस 21 अक्टूबर को मनाया जाता है. विश्व आयोडीन की कमी दिवस को वैश्विक आयोडीन कमी विकार निवारण दिवस के रूप में भी जाना जाता है. शरीर में आयोडीन की कमी से गंभीर बीमारी हो सकती है. जरा सी लापरवाही जीवन पर कैसे भारी पड़ सकती है, इसका पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि खाने का नमक बंद डिब्बे में नहीं रखने से बिलासपुर जिला में 45 प्रतिशत ही आयोडीन की मात्रा नमक में पाई गई. जिसके कारण जिला के लोगों को आयोडीन की कमी हो सकती है और भविष्य में अनेक बीमारियों को बुलावा दे सकती है.
आयोडीन की कमी से कई गंभीर बीमारियां भी लग सकती है. खाने के नमक में आयोडीन का होना बेहद जरूरी है. लेकिन अगर नमक को रसोई में सही प्रकार से नहीं रखते हैं तो उसकी आयोडीन खत्म भी हो सकती है. आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग में विशेषज्ञ डॉ. विमल भारती ने बताया कि नमक हमेशा बंद डिब्बे या एयर टाइट बर्तन में ही रखना चाहिए. खुले बर्तन में नमक रखने से आयोडीन खत्म हो जाती है. इसके अलावा आयोडीन युक्त नमक को धूप में रखने से बचना चाहिए. खाना पकाने के बाद नमक डालना चाहिए.
डॉ. भारती ने कहा कि शरीर के विकास और मेटाबॉलिज्म में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. थायराइड हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है. जीवन के हर स्तर के आधार पर आयोडीन की जरूरत अलग-अलग होती है. उन्होंने कहा कि एक सर्वे के अनुसार वयस्कों को हर दिन 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की जरूरत होती है. प्रेगनेंसी में हर दिन 220 माइक्रोग्राम जबकि ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को रोजाना 290 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है. हालांकि, अब आयोडीन की कमी के मामले पहले की तुलना में बहुत कम आते हैं, लेकिन फिर भी कई लोग इसकी कमी का शिकार हो जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की लगभग 30 फीसदी आबादी में आयोडीन की कमी का खतरा है.