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एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, काले रिबन लगाकर करेंगे प्रदर्शन - HRTC Conductor Union will protest against government

चुनावी साल में आए दिन विभिन्न संगठन अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दे रहे हैं. इसी कड़ी में अब वेतन विसंगतियों को लेकर हिमाचल पथ परिवहन कंडक्टर यूनियन (HRTC Conductor Union) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिमला में कंडक्टर यूनियन की बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि कंडक्टर काले बिल्ले लगाकर (HRTC Conductor Union will protest against government) सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

HRTC Conductor Union will protest against government
एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन काले रिबन लगाकर करेंगे प्रदर्शन.

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Published : Jul 12, 2022, 3:52 PM IST

शिमला: हिमाचल पथ परिवहन कंडक्टर यूनियन (HRTC Conductor Union) ने वेतन विसंगतियों के खिलाफ फिर से सरकार काे घेरने की तैयारी शुरू की है. प्रदेश के सभी डिपो से मंगलवार काे HRTC के कंडक्टर शिमला पहुंचे हैं. पूर्णमल धर्मशाला में यूनियन की ओर से एक बैठक की जा रही है. इसमें सरकार के खिलाफ आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार गई. इसमें निर्णय लिया गया कि आगामी दिनों में कंडक्टर काले बिल्ले लगाकर अब प्रदर्शन (HRTC Conductor Union will protest against government) करेंगे. इसके अलावा हड़ताल करने की डेट भी जल्द तय की जाएगी.

कंडक्टर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष प्रीत महेंद्र ने कहा कि सरकार द्वारा दिए जा रहे छठे वेतन आयोग में क्लास थ्री के सभी कर्मचारियों को 10300+3200 का वेतनमान देने की बात कही गई थी. लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हुआ. हिमाचल परिवहन के कर्मचारियों (Himachal Road Transport Corporation employees) के साथ धोखा हाे रहा है. इसलिए नए वेतनमान लागू कराने और वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है. उनका कहना है कि सरकार की ओर से सभी क्लास थ्री के कर्मचारियों को 10300+3200 वेतनमान दिया जा रहा है. जबकि, HRTC कर्मचारियों का वेतन 5910+1900 फिक्स किया गया है.

2012 में फिक्स किए गए वेतनमान: हिमाचल परिवहन कंडक्टर यूनियन का आरोप है कि वर्ष 2012 से परिवहन निगम में अधिकारियों द्वारा क्लास थ्री के कर्मचारियों का वेतन 5910+2400 मनमाने तरीके से फिक्स कर दिया था. जबकि अब इसे फिर से घटाकर 5910+1900 कर दिया गया है. वेतनमान बढ़ाने की जगह घटा दिया गया है. जबकि प्रदेश के अन्य कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतनमान मिल रहा है.

यूनियन का कहना है कि हिमाचल में सिर्फ कंडक्टर ही ऐसी कैटेगरी है, जिन्हें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में आंदोलन के सिवाए उनके पास कोई रास्ता नहीं है. कंडक्टर यूनियन ने आरोप लगाया है कि न तो प्रबंधन इस बारे में कोई ठोस कदम उठा रहा है और न ही सरकार की ओर से उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जा रहा है.

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