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HRTC कंडक्टर यूनियन की सरकार को चेतावनी, मांगें पूरी न होने पर करेंगे सचिवालय का घेराव

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Published : Jun 27, 2022, 6:07 PM IST

अपनी मांगों को लेकर हिमाचल पथ परिवहन कंडक्टर यूनियन (Himachal Road Transport Conductor Union) ने वेतन विसंगतियों के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है. इस बारे में कंडक्टर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष प्रीत महेंद्र ने कहा कि सरकार द्वारा दिए जा रहे छठे वेतन आयोग में क्लास थ्री के सभी कर्मचारियों को 10300+3200 का वेतनमान देने की बात कही गई थी. लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हुआ.

HRTC conductor union gave ultimatum to Himachal government
एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन.

शिमला:हिमाचल पथ परिवहन कंडक्टर यूनियन (Himachal Road Transport Conductor Union) ने वेतन विसंगतियों के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है. मांगें पूरी न हाेने पर जल्द ही कंडक्टर सचिवालय का घेराव (HRTC conductor union gave ultimatum to Himachal government) करेंगे. इसके लिए जल्द ही डेट तय की जाएगी.

प्रदेश के सभी डिपो से सोमवार काे HRTC के कंडक्टर शिमला पहुंचे. पूर्णमल धर्मशाला में यूनियन की ओर से एक बैठक की गई. इसमें सरकार के खिलाफ आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार गई. कंडक्टर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष प्रीत महेंद्र ने कहा कि सरकार द्वारा दिए जा रहे छठे वेतन आयोग में क्लास थ्री के सभी कर्मचारियों को 10300+3200 का वेतनमान देने की बात कही गई थी. लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हुआ.

एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन ने सरकार को दी चेतावनी.

उन्होंने कहा कि हिमाचल परिवहन के कर्मचारियों के साथ धोखा हाे रहा है. इसलिए नए वेतनमान लागू कराने और वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सभी क्लास थ्री के कर्मचारियों को 10300+3200 वेतनमान दिया जा रहा है. जबकि, HRTC कर्मचारियों का वेतन 5910+1900 फिक्स किया गया है.

एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन.

वर्ष 2012 में फिक्स किए वेतनमान: हिमाचल पथ परिवहन कंडक्टर यूनियन का आरोप है कि वर्ष 2012 से परिवहन निगम में अधिकारियों द्वारा क्लास थ्री के कर्मचारियों का वेतन 5910+2400 मनमाने तरीके से फिक्स कर दिया था. जबकि अब इसे फिर से घटाकर 5910+1900 कर दिया गया है. वेतनमान बढ़ाने की जगह घटा दिया गया है. जबकि प्रदेश के अन्य कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतनमान मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल में सिर्फ कंडक्टर ही ऐसी कैटेगरी है, जिन्हें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में उनके पास आंदोलन के सिवाय कोई रास्ता नहीं है. कंडक्टर यूनियन ने आरोप लगाया है कि न तो प्रबंधन इस बारे में कोई ठोस कदम उठा रहा है और न ही सरकार की ओर से सकारात्मक संदेश मिल रहा है.

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