शिमला: प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से समग्र शिक्षा को करोड़ों का बजट मिला है. करोड़ों के बजट से जहां प्री प्राइमरी के कक्षाओं में बढ़ोत्तरी की जाएगी. वहीं, छात्रों को रोजगार परक शिक्षा देने में भी इस बजट से प्रदेश के शिक्षा विभाग को मदद मिलेगी.
समग्र शिक्षा के लिए केंद्र से 859 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है और खास बात यह है कि हिमाचल पहला ऐसा राज्य है जिसने कोविड-19 के इस संकट के बीच में भी सबसे पहले अपना बजट प्रपोजल तैयार किया जिसके बाद देश का पहला राज्य हिमाचल ही बना जिसके साथ पैब की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एमएचआरडी ने की.
एमएचआरडी ने वर्ष 2020-21 के लिए जो बजट समग्र शिक्षा के लिए मंजूर किया है, उसमें खास यह है कि प्रदेश में प्री प्राइमरी कक्षाओं का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही ट्रेंड टीचर प्री प्राइमरी के छात्रों को मिल पाएंगे. अभी तक जेबीटी शिक्षकों से ही काम शिक्षा विभाग चला रहा था, वहीं अब इन बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेंड टीचर हायर किए जाएंगे और उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा.
प्रदेश में छात्रों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़कर उनके लिए रोजगार प्राप्त करने के अवसर दिलवाने के लिए 50 अन्य स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने की मंजूरी भी दी गई है. केंद्र से मिले बजट से शिक्षा में किस तरह से गुणवत्ता लाई जाएगी और क्या कुछ नया किया जाएगा. ईटीवी से बातचीत में समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सबसे अधिक स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा शुरू करने में हिमाचल का देश भर में दूसरा स्थान है.