शिमलाःप्रदेश में कोविड-19 की वजह से पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. सरकार की ओर से भी कोई राहत अभी होटल व्यवसायियों को नहीं दी गई है. इसी मसले को लेकर ऑल हिमाचल एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म फोरम के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मुलाकात की.
इस दौरान उन्होंने होटल उद्योग को वित्तीय सहायता देने की मांग की. एसोसिएशन के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से यह मांग की कि कोविड के संकट की वजह से होटल उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
होटल बंद हैं और बिजली पानी के भारी-भरकम बिल चुकाने पड़ रहे हैं, ऐसे में सरकार की ओर से उन्हें वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए. एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के समक्ष अपनी समस्या साझा करते हुए कहा कि होटल कारोबार 20 मार्च से पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. आगामी समय में भी 12 से 18 महीने तक पर्यटन को पटरी पर आने में समय लगेगा.
अभी प्रदेश में बाहरी राज्यों से पर्यटकों की आवाजाही को भी बहाल नहीं किया गया है और पर्यटकों के आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, जिसकी वजह से इंडस्ट्री तय खर्च को पूरा नहीं कर पा रही है.
इतना ही नहीं बीते 3 सालों से लगातार पर्यटन इंडस्ट्री को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. साल 2018 में जहां पानी के संकट की वजह से पर्यटन प्रभावित हुआ था तो वहीं वर्ष 2019 में लोकसभा इलेक्शन की वजह से प्रदेश में पर्यटन को नुकसान पहुंचा था और वहीं अब 2020 में कोविड-19 की वजह से पूरी तरह से ठप हो चुका है. पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसायियों को सरकार से राहत की उम्मीद है और उनकी मांग है कि सरकार उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करें.
वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एसोसिएशन के सदस्यों को यह आश्वासन दिया है कि उनके समस्याओं पर विचार किया जाएगा और उनके हल निकालने के लिए जल्द ही प्रयास किए जायेंगे.
उन्होंने कहा कि संकट काल की इस घड़ी में समाज के प्रत्येक वर्ग को नुकसान हुआ है. प्रत्येक वर्ग को इन मुसीबतों से निकालने के लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है और इसके लिए कार्य भी किया जा रहा है. उन्होंने आश्वासन दिलवाया की सरकार पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों और कर्मचारियों को राहत प्रदान करने के लिए कुछ कदम उठाएगी जिससे सभी को राहत मिल सके.
ये भी पढ़ें-COVID-19: हिमाचल में 716 कोरोना के मामले, 5 दिन में बढ़े 148 केस