शिमलाः हिमाचल को देव भूमि के नाम से जाना जाता है. यहां अनेकों देवी देवताओं का वास है. वहीं, हिमाचल की संस्कृति वेशभूषा सभी कुछ बेहद आकर्षक है, जिसकी झलक अब पर्यटन नगरी शिमला में आने वाले पर्यटकों को शहर की सैरगाहों में देखने को मिलेगी. शहर में जगह-जगह दीवारों पर हिमाचली देव संस्कृति और यहां के जनजीवन को दर्शाते हुए चित्र बनाए जा रहे हैं. इन चित्रों के माध्यम से यहां आने वाले लोगों को जहां हिमाचल के रहन सहन और पहनावे के बारे में जानकारी मिलेगी तो वहीं, शहर की सुंदरता भी इन चित्रों से निखरेगी.
राजत्व के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर बनाई पेंटिंग्स
शिमला के मॉलरोड और शेरे पंजाब के पास इन वाल पेंटिंग को बनाया जा चुका है, जबकि अन्य जगहों पर इन्हें तैयार करने का काम अभी चल रहा है. हिमाचली संस्कृति को दर्शाने वाली यह वाल पेंटिंग्स हिमाचल के राजत्व के 50 वर्ष होने के उपलक्ष्य में बनवाए जा रहे हैं.
शिमला में तैयार की जा रही इन वाल पेंटिंग्स में हैरान करने वाली बात यह है कि इन पेंटिंग्स को बनाने का काम जिस आर्टिस्ट को सौंपा गया हैं, उनका हिमाचल और यहां की संस्कृति से कोई वास्ता ही नहीं है. हालांकि, वह अपने तरफ से प्रयासरत है कि जो भी चित्र उन्हें फोटो के माध्यम से दिखाए जा रहे हैं, वह उन्हें दीवारों पर उतार सकें और यह काम उन्होंने किया बेखूबी निभाया है.
पेंटिंग्स में पारंपरिक भेषभूषा को दर्शायां
शिमला के शेरे पंजाब के पास दीवार पर उन्होंने जहां जनजातीय क्षेत्र डोडरा क्वार में रहने वाले गड़रियों के जीवन और उनकी पारंपरिक भेषभूषा को दिखाया गया है. किस तरह से इस क्षेत्र में यह गडरिये अपनी भेड़ बकरियां चराते हैं, यह इस वाल पेंटिंग में दिखाया गया है. इसके साथ ही मालरोड पर बनाई गई दूसरी वाल पेंटिंग में देवरथ यात्रा को दिखाया गया है.
देवी-देवताओं के रथ की झलकियां