शिमला:हिमाचल वोकेशनल प्रशिक्षक महासंघ (Himachal Vocational Instructors Federation) ने सरकार से उनके लिए नीति बनाने की मांग की है. बुधवार को महासंघ के अध्यक्ष कुश भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 2017 से शुरू किया 18 महाविद्यालयों में बैचलर ऑफ वोकेशनल (B.Voc) तीन साल का डिग्री प्रोफेसनल कोर्स चलाया जा रहा हैं. जिसमें रिटेल व हॉस्पिटलेटी विषयों को शामिल किया गया हैं.
इस तरह के डिग्री कोर्स का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है और छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण के साथ विभिन्न आधुनिक क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान किया जा रहा है. उनके भीतर छिपे हुए हुनर को विकसित किया जा (Himachal Vocational Instructors Federation demand) रहा हैं. बैचलर ऑफ वोकेशनल डिग्री उन युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर कारगर साबित हो रहा है जो अच्छी नौकरी और बेहतर लाइफस्टाइल के नवीन अवसरों व स्किल जॉब्स की तलाश कर रहे हैं.
B.Voc कोर्स के माध्यम से युवाओं को देश-विदेश में नौकरी के बेशुमार अवसर मिल रहे (PC of Vocational Instructors Federation ) हैं. युवाओं को नौकरी के काबिल बनाने के लिए वोकेशनल प्रशिक्षकों ने पहले संबन्धित व्यावसायिक कंपनियों में लगभग 6 साल से उपर अनुभव लिया निजी कंपनियों में सेवाएं देने के बाद, शिक्षा विभाग व निजी कंपनी द्वारा उन्हें रखा गया है. वोकेशनल प्रशिक्षक दिन रात एक कर विद्यार्थियों को इंडस्ट्री के योग्य बना रहे हैं.
महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि असम में हजारों वोकेशनल प्रशिक्षकों को हाल ही में नियमित कर दिया गया है. हरियाणा में भी स्थायी नीति बना दी गई है. इस तर्ज पर हिमाचल सरकार को भी वोकेशनल प्रशिक्षकों के लिए स्थाई नीति बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए आगामी पढ़ाई के लिए M.VOC और वोकेशनल में पीएचडी भी जल्द शुरू की जानी चाहिए. वोकेशनल स्टाफ को भी सरकारी पदोन्नति की तर्ज पर आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए.
ये भी पढ़ें: पर्यटन नगरी मनाली में सैलानियों के आने का सिलसिला जारी, पर्यटन कारोबारियों के खिले चेहरे