शिमला:हिमाचलविधानसभा मानसून सत्र शुरू होते ही विभिन्न संगठन अपनी मांगो को लेकर सड़क पर उतर आए हैं. इसी कड़ी में प्रदेश के वोकेशनल अध्यापक अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को विधानसभा के बाहर चौड़ा मैदान में सैकड़ों की तादात में इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन (vocational teachers protest in shimla) किया. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों ने सरकार से स्थाई नीति बनाने की मांग की है.
वोकेशनल शिक्षक संघ की उपाध्यक्ष सुचिता का कहना है कि वह मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के समक्ष कई बार ये मुद्दा उठा चुके हैं और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि ये मामला वित्त विभाग को दिया गया है. वहीं, व्यवसायिक शिक्षक कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष यशवंत ठाकुर का कहना है कि 1100 स्कूलों में कार्यरत 1881 शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित किया जाए. गौर रहे कि वर्ष 2013 में 100 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू हुई है. अब इन स्कूलों का दायरा बढ़कर 1100 हो गया है.
शिमला में वोकेशनल अध्यापकों का प्रदर्शन अढ़ाई लाख विद्यार्थी 18 विभिन्न विषयों में (demand of vocational teachers in Himachal) रोजगार मुखी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इन शिक्षकों की नियुक्ति 22 कंपनियों के अधीन की गई. ये शिक्षक हरियाणा की तर्ज पर स्थाई नीति बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. हरियाणा में सभी आउटसोर्स पर तैनात वोकेशनल शिक्षकों को भी निगम में मर्ज किया गया है. इसके साथ ही इस राज्य में शिक्षकों का वेतन 30500 फिक्स किया गया है और साथ ही वेतन में हर साल पांच फीसदी बढ़ोतरी की जाएगी.
इसी तर्ज पर अब हिमाचल में भी (Vocational Teachers Association Himachal) कोई स्थाई नीति बनाने की मांग इन वोकेशनल शिक्षकों ने की है. इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने इन शिक्षकों का डाटा मांगा था, जिसमें कहा गया था कि यदि वोकेशनल शिक्षकों के लिए बाहरी राज्य में कोई नीति बनाई गई है तो इसे हिमाचल में भी लागू किया जा सकता है. लेकिन अभी तक इनके लिए ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में अब एक बार फिर सरकार से इन शिक्षकों ने स्थाई नीति बनाए जाने की गुहार लगाई है.
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