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पूर्ण राज्यत्व दिवस: विशेष कार्यक्रम में नड्डा, अनुराग हुए शामिल, नेताओं ने रखे विचार

हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस के स्वर्ण जयंती समारोह पर शिमला में खूब धूम रही. स्वर्ण जयंती समारोह ऐतिहासिक रिज मैदान पर मनाया गया. रिज मैदान पर कई विभागों ने अपनी प्रदशर्नियां लगाई. स्वर्ण जयंती समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने विचार रखे.

Himachal Statehood Day
हिमाचल की स्वर्ण जयंती

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Published : Jan 25, 2021, 7:12 PM IST

Updated : Jan 25, 2021, 8:09 PM IST

शिमला:हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस के स्वर्ण जयंती समारोह पर शिमला में खूब धूम रही. स्वर्ण जयंती समारोह ऐतिहासिक रिज मैदान पर मनाया गया. रिज मैदान पर कई विभागों ने अपनी प्रदशर्नियां लगाई. प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया गया. लोक कलाकारों ने नृत्य व संगीत की प्रस्तुतियां दीं. इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, सीएम जयराम ठाकुर, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित प्रदेश सरकार के मंत्री व अन्य नेता शामिल हुए.

स्वर्ण जयंती समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने विचार रखे.

वीडियो रिपोर्ट.

नड्डा ने स्मृतियों का पिटारा खोला

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्मृतियों का पिटारा खोला. उन्होंने हिमाचल के पचास साल के सफर की कई रोचक यादों को साझा किया. नड्डा ने 25 जनवरी 1971 का समय याद किया. नड्डा उस समय 11 साल की आयु के थे और छुट्टियों में बिलासपुर आए थे. उस समय को याद करते हुए नड्डा ने बताया कि तब दिन में एक बजे अखबार बिलासपुर पहुंचता था. नड्डा ने कहा कि ट्रिब्यून अखबार पहुंचा तो मैंने उसमें हिमाचल के स्टेटहुड डे सेरेमनी की खबर पढ़ी. मैंने अपने मामाजी से पूछा कि ये स्टेटहुड क्या होता है तो उन्होंने बताया कि हिमाचल अब पूर्ण राज्य बन गया है. हिमाचल 25 जनवरी 1971 को देश का 18वां राज्य बना.

अपने अतीत को याद रखना चाहिए

नड्डा ने कहा कि सभी को अपने अतीत को याद रखना चाहिए. ऐसे अवसर इतिहास में दर्ज होते हैं. ऐसे अवसर इतिहास में दर्ज होते हैं. नड्डा ने कहा कि हिमाचल देवी-देवताओं, वीरों की भूमि है. पहले सड़क नहीं था, मरीजों को चारपाई पर ले जाते थे. आज हिमाचल विकसित है.

पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी को अनुराग ने किया याद

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल निर्माता स्व. डॉ. वाईएस परमार और पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी को आदर से याद किया. उन्होंने कहा कि विरोध के बावजूद भी तत्कालीन पीएम इंदिर गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्यत्व का दर्ज दिया. इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. अपने संबोधन के दौरान अनुराग ठाकुर ने केंद्र सरकार, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और हिमाचल के सीएम की भी तारीफ की. अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल केंद्र और राज्य सरकार ने इससे निपटने के लिए बेहतर काम किए हैं. इसकी जितनी भी तारीफ की जाए वो कम है.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने विचार रखे

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने इस अवसर पर हिमाचल की सांस्कृति विविधता और विकास की गाथा को सराहनीय बताया. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि पचास साल में हिमाचल ने खूब तरक्की की है. कठिन भौगोलिक स्थिति के बावजूद यहां आज सड़कों का जाल बिछ गया है. स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में काफी तरक्की हुई है.

सीएम जयराम ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

वहीं, सीएम जयराम ठाकुर ने अपने संबोधन के दौरान प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. मुख्यमंत्री ने हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार सहित अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों के नाम मंच से लिए. जयराम ठाकुर ने सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की भी खूब तारीफ की. मुख्यमंत्री ने हिमाचल के पचास साल के सफर को शानदार बताया. उन्होंने कहा कि इस पहाड़ी राज्य ने तरक्की के कई आयाम छुए हैं.

पीएम मोदी की तारीफ

जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वे भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के नेता के तौर पर पहचान बना चुके हैं. मुख्यमंत्री ने जेपी नड्डा के हिमाचल के प्रति किए गए कार्यों का ब्यौरा भी दिया.

हिमाचल के सपूतों की स्मृति स्थाई बनाएगी सरकार

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वर्ण जयंती आयोजन के अवसर पर सरकार अब तक के सफर में शामिल रहे सपूतों की स्मृतियों को स्थाई बनाएगी. स्वर्ण जयंती रथ यात्रा का कार्यक्रम होगा. नई पीढ़ी को इतिहास से रूबरू करवाने के लिए कई कार्यक्रम होंगे. प्रदेश के विकास में जिन भी लोगों ने योगदान दिया है, उनका जिक्र किया जाएगा.

कवि-लेखकों, शिक्षाविदों, सैनिकों, प्राध्यापकों, नेताओं को नई पीढ़ी के सामने लाया जाएगा. पचास साल पहले का हिमाचल और अब के हिमाचल के बीच तुलनात्मक अध्ययन के कार्यक्रम होंगे. हिमाचल के जिन सपूतों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है, उन पर कार्यक्रम तैयार होंगे. साथ ही हिमाचल के आगामी पचास सालों की संभावित यात्रा का खाका भी खींचा जाएगा. इसमें सभी विद्वानों का योगदान लिया जाएगा. यह कार्यक्रम साल भर चलेंगे.

समारोह में सीमित संख्या में लोग हुए शामिल

इस अवसर पर हिमाचल के पचास साल के सफर पर एक कॉफी टेबुल बुक भी जारी की गई. जनसंपर्क विभाग ने हिमाचल के पचास साल के सफर पर विकास यात्रा का एक वृत चित्र भी दिखाया. कोविड संकट के कारण समारोह में सीमित संख्या में लोग शामिल हुए.

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Last Updated : Jan 25, 2021, 8:09 PM IST

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