शिमला: ऊर्जा राज्य कहे जाने वाला हिमाचल देश में पहला हरित यानी ग्रीन स्टेट बनने की दिशा में अग्रसर है. राज्य में हर साल 12 हजार मिलियन यूनिट बिजली की खपत होती है. इस खपत में से केवल 2 हजार मिलियन यूनिट थर्मल पावर है. इसके अलावा शेष 10 हजार मिलियन यूनिट बिजली ग्रीन या फिर रिन्यूएबल है. ऐसे में हिमाचल देश का पहला हरित राज्य बनने के करीब है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा पेश बजट में कहा गया है कि ऊर्जा (Himachal Budget 2022) के क्षेत्र में राज्य का पूरा प्रयास ग्रीन स्टेट बनने पर है. हिमाचल प्रदेश ने काफी पहले थर्मल पावर सेंटर्स के साथ बिजली खरीदने का समझौता किया था. समय बीतने पर इन थर्मल पावर सेंटर्स के तहत तय किए गए दायित्व कम होते चले जाएंगे. अनुमान है कि वर्ष 2034 तक ये लायबिलिटी खत्म हो जाएगी.
एक अन्य कारण यह है कि हिमाचल में जनता को राउंड दी क्लॉक बिजली देने के लिए सरकार थर्मल पावर का प्रयोग करती है. थर्मल पावर रिन्यूएबल एनर्जी से सस्ती पड़ती है. चूंकि ग्रीन स्टेट बनने के लिए हिमाचल को थर्मल पावर की जरूरत से मुक्त होना होगा. बजट में कहा गया है कि प्रदेश सरकार अपनी सौ फीसदी पावर संबंधी जरूरतों को ग्रीन और रिन्यूएबल एनर्जी से पूरा करेगी यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में हिमाचल देश का पहला हरित राज्य बन जाएगा.