शिमला:हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय शुक्रवार को अपनी स्थापना के 52 साल पूरे करने जा (HPU Foundation Day) रहा है. 22 जुलाई 1970 को स्थापित हुए एचपीयू ने अपने इतिहास में कई उपलब्धियां दर्ज की हैं. वहीं, इसके इतिहास में कई काले पन्ने भी दर्ज हैं. एचपीयू के 52 वर्षों के इतिहास की बात की जाए तो एचपीयू की सबसे बड़ी उपलब्धि नेक से ए प्लस ग्रेड प्राप्त (NAAC Ranking of HPU) करना है. वहीं छात्र संगठनों की बीच हुई हिंसक झड़पों ने एचपीयू के इतिहास में एक काला अध्याय लिखा है.
आरके सिंह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) के पहले वीसी थे. पहले एक आईएएस अधिकारी को वीसी बनाया जाता था. लेकिन फिर एकेडमिक स्टाफ के प्रोफेसर को वीसी बनाया जाने लगा. वर्तमान में एसपी बंसल (HPU VC SP Bansal) को एचपीयू के वाइस चांसलर का कार्यभार दिया गया है. इससे पहले सिकंदर कुमार एचपीयू के वाइस चांसलर थे, जिन्हें अब राज्य सभा के लिए चुना गया है. अपने 52 सालों के इस सफर में एचपीयू ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय. ऑनलाइन हो रहे सारे काम: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में एचपीयू भी अब डिजिटल हो गया है. यहां छात्रों के परीक्षा फॉर्म से लेकर एडमीशन भी अब ऑनलाइन किए जा रहे हैं. इसके साथ ही विश्वविद्यालय छात्रों के कोर्स की फीस भी अब ऑनलाइन ही ले रहा है. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूआईआईटी संस्थान में तीन नए कोर्स शुरू करने के साथ-साथ 69 प्रोफेसरों और 14 गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों को स्वीकृत का निर्णय भी हाल ही में लिया है.
एचपीयू ने अपने स्थापना दिवस समारोह में भारत के राष्ट्रपति से लेकर आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा तक को आमंत्रित किया है. इतना ही नहीं एचपीयू नेक में ए ग्रेड से बेहतर ग्रेड प्राप्त कर सके इसके लिए 26 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया है. जो विश्वविद्यालय में शैक्षणिक स्तर को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है, इस पर कार्य करती है. ये कमेटी समय-समय पर अपना सर्वे करवाती रहती है. जिसके आधार पर नई योजनाओं और कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जाती है.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय. वहीं, विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या को देखते हुए प्रत्येक विभाग में खासकर व्यावसायिक विभागों में प्रवेश की सीटों को दोगुना किया गया है. एचपीयू प्रशासन ने भविष्य को लेकर भी अपनी कई योजनाएं शुरू की हैं. घणाहट्टी में एचपीयू का नया (HPU new campus in Ghanahatti) कैंपस, एचपीयू के छात्रों के लिए नए छात्रवास का निर्माण, खेलकूद व अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पोर्टर हिल शिमला के समीप इनडोर खेल स्टेडियम के साथ-साथ फिटनेस सेंटर स्थापित करना एचपीयू की इन योजनाओं में शामिल है.
छात्र संगठनों की हिंसक झड़पें:एचपीयू के इतिहास में जहां छात्र संगठनों के आपसी खूनी संघर्ष में आज तक चार छात्र नेताओं ने अपनी जान गंवाई है. वहीं, अभी भी एचपीयू में छात्र संगठनों की हिंसा मुख्य समस्या बनी हुई है. इन्हीं छात्र संगठनों की हिंसक घटनाओं के चलते एचपीयू प्रशासन ने छात्र संघ चुनावों पर भी रोक (Student Fight in HPU) लगाई है. लेकिन बावजूद इसके एचपीयू प्रशासन छात्र गुटों के बीच होने वाली हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने में पूरी तरह से असफल रहा है.
विश्वविद्याल ने दिनों दिन सेवानिवृत्त हो रहे प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उपरांत देनदारियों के हस्तांतरण के लिए कॉर्पस फंड भी स्थापित किया है. इसके अलावा परिसर में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इस अवधि के दौरान विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केंद्र में महाविद्यालयों के कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. एचपीयू से कई दिग्गज छात्र भी पढ़कर निकले (Alumni of HPU) हैं, जिन्होंने देश दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई (Alumni of Himachal Pradesh University) है.
इन छात्रों ने देश दुनिया में कमाया नाम
जेपी नड्डा- भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष (विधि संकाय से एलएलबी, एचपीयू).
अनुपम खेर- भारतीय एक्टर (गवर्नमेंट कॉलेज, संजौली से ड्रॉप आउट).
मोहित चौहान- लोकप्रिय भारतीय गायक (एमएससी, धर्मशाला कॉलेज).
हामिद करजई- अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति (अंतर्राष्ट्रीय संबंध और राजनीति विज्ञान में एमए (1983), डॉक्टर ऑफ लिटरेचर, 2003)
आनंद शर्मा- पूर्व केंद्रीय मंत्री (विधि संकाय से एलएलबी, एचपीयू).
अश्विनी कुमार- नागालैंड के पूर्व राज्यपाल.
रणदीप गुलेरिया- एम्स, नई दिल्ली के निदेशक.
संजय करोल- त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (विधि संकाय से एलएलबी, एचपीयू).
सुरेश कुमार कश्यप- हिमाचल भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष.
इंदु गोस्वामी- सांसद, राज्य सभा सदस्य.
राजीव शर्मा- पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (विधि संकाय से एलएलबी, एचपीयू).
अभिलाषा कुमारी- लोकपाल समिति की न्यायिक सदस्य (विधि संकाय से एलएलबी, एचपीयू).
आरजू राणा देउबा- नेपाली कांग्रेस पार्टी की सदस्य.
त्सेरिंग धोंडुप- केंद्रीय तिब्बती प्रशासन में वित्त मंत्री.
सिंघी राम- पूर्व केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री (विधि संकाय से एलएलबी, एचपीयू).
राम लाल ठाकुर- पूर्व केंद्रीय मंत्री. (विधि संकाय से एलएलबी, एचपीयू).