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शिक्षक महासंघ ने किया साहित्य सवांद एवं कवि सम्मेलन का आयोजन, शिक्षकों ने पढ़ी अपनी रचनाएं - साहित्य संवाद एवं कवि सम्मेलन

शिमला में शनिवार को साहित्य संवाद एवं कवि सम्मेलन का आयोजन शिमला के रोटरी क्लब में किया गया. इस आयोजन में शामिल हुए शिक्षकों ने अपनी रचनाएं पढ़ी जिन्हें श्रोताओं ने खूब सराहा. कर्म सिंह ने कहा कि शिक्षक महासंघ में बहुत से ऐसे शिक्षक हैं जो कविता लिखते हैं और साहित्य से जुड़े हुए हैं. इन शिक्षकों ने कोविड-19 और उसके बाद कई कविताओं का सृजन किया है. उसे लेकर एक पुस्तक भी प्रकाशित की गई है.

Himachal Pradesh Teachers Federation organized Poet Conference at Shimla
फोटो.

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Published : Mar 13, 2021, 4:30 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की ओर से भाषा, कला एवं संस्कृति अकादमी के साथ मिलकर साहित्य संवाद एवं कवि सम्मेलन का आयोजन शिमला के रोटरी क्लब में किया गया. इस आयोजन में शामिल हुए शिक्षकों ने अपनी रचनाएं पढ़ी जिन्हें श्रोताओं ने खूब सराहा.आयोजन में अकादमी के सचिव कर्म सिंह भी उपस्थित रहे.

कोविड की परिस्थितियों के बीच है अभी तक इस तरह के आयोजन नहीं हो पा रहे थे और ऑनलाइन माध्यम से ही अकादमी अपनी गतिविधियों को जारी रख रही थी, लेकिन अब धीरे-धीरे परिस्थितियां ठीक हुई तो अकादमी की ओर से इस तरह के आयोजन करवाए जा रहे हैं, जिससे कि साहित्यकार और कवियों को एक मंच प्रदान हो सके और वह अपनी रचनाओं को मंच पर प्रस्तुत कर सकें.

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उन्होंने कहा कि आज रोटरी क्लब में भी शिक्षकों ने अपनी अलग-अलग रचनाएं प्रस्तुत की. जिसमें उन्होंने अपने भावों को अपनी रचनाओं के माध्यम से अभिव्यक्त किया. अधिकतर रचनाएं वही थी जो कोविड-19 के लॉकडाउन के बीच में शिक्षकों ने लिखी थी और उन्हें आज प्रस्तुत करने का मौका उन्हें इस आयोजन के माध्यम से मिला. इस दौरान शिक्षकों की ओर से रचित कविताओं पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया.

शिक्षक संघ की मांग

कर्म सिंह ने कहा कि शिक्षक महासंघ में बहुत से ऐसे शिक्षक हैं जो कविता लिखते हैं और साहित्य से जुड़े हुए हैं. इन शिक्षकों ने कोविड-19 और उसके बाद कई कविताओं का सृजन किया है. उसे लेकर एक पुस्तक भी प्रकाशित की गई है.

छात्रों को भी किया प्रभावित

ऐसे में शिक्षक संघ की यह मांग थी कि अकादमी की ओर से एक आयोजन करवाया जाएं जिसमें नए शिक्षक कवियों को भी शामिल किया जा सके. विक्रम सिंह ने कहा कि शिक्षकों को साहित्य सृजन में भी आगे आना चाहिए. अगर शिक्षक साहित्यकार और सृजनशील हैं तो वह अपने छात्रों को भी प्रभावित कर सकेंगे.

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