शिमला: देश भर में सुर्खियों में रहे हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अभी भी सीबीआई जांच शुरू होने का इंतजार है. प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने 17 मई को शिमला में मीडिया से बातचीत में मामले की सीबीआई जांच करवाने का ऐलान किया था. उसके बाद राज्य सरकार ने तय प्रक्रिया के तहत केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को सीबीआई जांच के लिए आग्रह पत्र भेजा था. करीब एक महीना होने को आया, मामले में सीबीआई की तरफ से जांच के लिए कोई संकेत नहीं आया है. ऐसे में ये सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं कि कहीं केंद्रीय जांच एजेंसी इस केस को हाथ में लेने से मना भी कर सकती है.
इसके पीछे कारण सीबीआई के पास मैन पावर की कमी और पहले (Himachal Police Paper Leak case) से हिमाचल के दो मामलों की जांच होना है. विगत में भी गुड़िया रेप एंड मर्डर केस और फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह डेथ केस में सीबीआई मैन पावर की कमी झेल चुकी है. यहां तक कि हाईकोर्ट में भी सीबीआई ने तफ्तीश के लिए अतिरिक्त समय की मांग करते हुए गुहार लगाई थी कि मैन पावर की कमी से जांच प्रक्रिया धीमी पड़ी है. हालांकि सीबीआई ने गुड़िया मर्डर केस और होशियार सिंह डेथ केस को सुलझा लिया था. फिलहाल, हिमाचल में विपक्षी दल और जनता के दबाव के बीच पुलिस पेपर भर्ती लीक जांच सीबीआई को देने की घोषणा हुई थी, लेकिन एक माह के करीब होने को आया, सीबीआई जांच की कोई सुगबुगाहट नहीं है.
हिमाचल सरकार के गृह विभाग के अनुसार यहां से सीबीआई जांच (Himachal Police Paper Leak case CBI investigation) संबंधी फाइल केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजी गई है. वहां से अभी कोई जवाब नहीं आया है. हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने शिमला में अपने सरकारी आवास ओक ओवर में बाकायाद प्रेस वार्ता में 17 मई को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया था. उसके एक ही दिन बाद यानी 18 मई को राज्य के गृह विभाग ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को औपचारिक पत्र भेज दिया था. वहां से अभी कोई जवाब नहीं आया है. यदि केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय और सीबीआई ने एक पखवाड़े तक कोई जवाब नहीं दिया तो राज्य सरकार को रिमांइडर भेजना चाहिए था, लेकिन अभी तक कोई रिमाइंडर नहीं भेजा गया है.
अभी सीबीआई ने भी इस बारे में कोई क्वैरी या आपत्ति राज्य सरकार को नहीं भेजी है. मौजूदा समय में देखें तो सीबीआई के पास इस समय हिमाचल प्रदेश में स्कॉलरशिप घोटाले की जांच का जिम्मा है. सीबीआई ने इसमें काफी गिरफ्तारियां भी की हैं, लेकिन ये मामला इतना पेचीदा है कि इसकी जांच में समय लग रहा है. सीबीआई को दस्तावेज खंगालने और रिपोर्ट तैयार करने में काफी मैन पावर की जरूरत है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि सीबीआई पुलिस पेपर भर्ती लीक मामले को हाथ में लेने से कतरा रही है. कारण ये है कि एक बार जांच हाथ में लेने के बाद हाईकोर्ट भी स्टेट्स रिपोर्ट तलब करता है और जांच में हो रही देरी पर फटकार भी जांच एजेंसी को सुननी पड़ती है.