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Himachal Police Paper Leak: देरी से उठे सवाल, क्या जांच हाथ में लेने से मना कर सकती है CBI - CBI investigation Paper Leak case

देश भर में सुर्खियों में रहे हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अभी भी सीबीआई जांच शुरू होने का इंतजार है. करीब एक महीना होने को आया, मामले में सीबीआई की तरफ से (Himachal Police Paper Leak case) जांच के लिए कोई संकेत नहीं आया है. ऐसे में ये सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं कि कहीं केंद्रीय जांच एजेंसी इस केस को हाथ में लेने से मना भी कर सकती है.

Himachal Police Paper Leak
हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला

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Published : Jun 14, 2022, 8:46 PM IST

शिमला: देश भर में सुर्खियों में रहे हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अभी भी सीबीआई जांच शुरू होने का इंतजार है. प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने 17 मई को शिमला में मीडिया से बातचीत में मामले की सीबीआई जांच करवाने का ऐलान किया था. उसके बाद राज्य सरकार ने तय प्रक्रिया के तहत केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को सीबीआई जांच के लिए आग्रह पत्र भेजा था. करीब एक महीना होने को आया, मामले में सीबीआई की तरफ से जांच के लिए कोई संकेत नहीं आया है. ऐसे में ये सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं कि कहीं केंद्रीय जांच एजेंसी इस केस को हाथ में लेने से मना भी कर सकती है.

इसके पीछे कारण सीबीआई के पास मैन पावर की कमी और पहले (Himachal Police Paper Leak case) से हिमाचल के दो मामलों की जांच होना है. विगत में भी गुड़िया रेप एंड मर्डर केस और फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह डेथ केस में सीबीआई मैन पावर की कमी झेल चुकी है. यहां तक कि हाईकोर्ट में भी सीबीआई ने तफ्तीश के लिए अतिरिक्त समय की मांग करते हुए गुहार लगाई थी कि मैन पावर की कमी से जांच प्रक्रिया धीमी पड़ी है. हालांकि सीबीआई ने गुड़िया मर्डर केस और होशियार सिंह डेथ केस को सुलझा लिया था. फिलहाल, हिमाचल में विपक्षी दल और जनता के दबाव के बीच पुलिस पेपर भर्ती लीक जांच सीबीआई को देने की घोषणा हुई थी, लेकिन एक माह के करीब होने को आया, सीबीआई जांच की कोई सुगबुगाहट नहीं है.

हिमाचल सरकार के गृह विभाग के अनुसार यहां से सीबीआई जांच (Himachal Police Paper Leak case CBI investigation) संबंधी फाइल केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजी गई है. वहां से अभी कोई जवाब नहीं आया है. हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने शिमला में अपने सरकारी आवास ओक ओवर में बाकायाद प्रेस वार्ता में 17 मई को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया था. उसके एक ही दिन बाद यानी 18 मई को राज्य के गृह विभाग ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को औपचारिक पत्र भेज दिया था. वहां से अभी कोई जवाब नहीं आया है. यदि केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय और सीबीआई ने एक पखवाड़े तक कोई जवाब नहीं दिया तो राज्य सरकार को रिमांइडर भेजना चाहिए था, लेकिन अभी तक कोई रिमाइंडर नहीं भेजा गया है.

अभी सीबीआई ने भी इस बारे में कोई क्वैरी या आपत्ति राज्य सरकार को नहीं भेजी है. मौजूदा समय में देखें तो सीबीआई के पास इस समय हिमाचल प्रदेश में स्कॉलरशिप घोटाले की जांच का जिम्मा है. सीबीआई ने इसमें काफी गिरफ्तारियां भी की हैं, लेकिन ये मामला इतना पेचीदा है कि इसकी जांच में समय लग रहा है. सीबीआई को दस्तावेज खंगालने और रिपोर्ट तैयार करने में काफी मैन पावर की जरूरत है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि सीबीआई पुलिस पेपर भर्ती लीक मामले को हाथ में लेने से कतरा रही है. कारण ये है कि एक बार जांच हाथ में लेने के बाद हाईकोर्ट भी स्टेट्स रिपोर्ट तलब करता है और जांच में हो रही देरी पर फटकार भी जांच एजेंसी को सुननी पड़ती है.

गुड़िया रेप एंड मर्डर केस में सीबीआई के साथ ऐसा हो चुका है, जब तत्कालीन मुख्य सचिव ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर केस साल्व नहीं हो रहा तो क्या इसकी जांच एनआईए को सौंप दें. यही नहीं, सीबीआई निदेशक तक को अदालत ने तलब कर लिया था. ऐसे में सीबीआई अपने पास उपलब्ध संसाधनों का आंकलन करने के बाद ही केस को हाथ में लेगी. हिमाचल में वर्तमान में सीबीआई दो मामलों में जांच कर रही है. एक स्कॉलरशिप घोटाला और दूसरा गुड़िया रेप एंड मर्डर केस. गुड़िया केस में जांच पूरी हो चुकी है और आरोपी को सजा भी सुनाई गई है, लेकिन सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई है.

फिलहाल, हिमाचल में पुलिस भर्ती पेपर लीक (Himachal Police Paper Leak case) की जांच राज्य सरकार की एसआईटी ने जारी रखी है. इस केस में एसआईटी ने अब तक 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए हैं. वहीं, कांग्रेस इस मामले में राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंप चुकी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कहना है कि सीबीआई जांच के लिए इतनी देरी होने से सवाल उठने लगे हैं. राज्य सरकार को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को रिमाइंडर भेजना चाहिए.

वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि पुलिस भर्ती पेपर लीक के तार बहुत ऊंचे स्तर पर जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार को तेजी से प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए. अभी तक राज्य सरकार ने रिमाइंडर भेजने में क्यों सुस्ती बरती है, इसका जवाब देना चाहिए. वहीं, गृह विभाग के अनुसार केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को समय पर जांच की सिफारिश से जुड़ा पत्र भेजा गया है. वहां से जवाब का इंतजार किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में 1334 पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा ली गई थी. बाद में खुलासा हुआ कि पेपर लीक हुआ है. इस पेपर लीक के तार देश के कई राज्यों से जुड़े हैं. एसआईटी ने सौ गिरफ्तारियां की हैं. अभी भी मास्टरमाइंड पुलिस के शिकंजे में नहीं आया है. हालांकि कई किंग पिन धरे जा चुके हैं. डीजीपी संजय कुंडू का कहना है कि एसआईटी पूरी तत्परता से जांच कर रही है और जैसे ही सीबीआई जांच अपने हाथ में लेगी, सारे दस्तावेज जांच एजेंसी को सौंप दिए जाएंगे.

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