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करूणामूलकों के अनशन को 200 दिन हुए पूरे, जयराम सरकार के मंत्रियों के लिए किया सद्बुद्धि यज्ञ

करूणामूलक संघ (Himachal karunamulak sangh) ने क्रमिक अनशन के दो सौ दिन पूरे होने पर सोमवार को शिमला में मंत्रियों के लिए एक सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया और सरकार की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की गई. इस दौरान संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि हिमाचल सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सद्बुद्धि देने के लिए करुणामूलक संघ ने हवन पाठ करवाया है.

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करूणामूलक संघ हिमाचल

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Published : Feb 14, 2022, 4:19 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ (Himachal karunamulak sangh) ने क्रमिक अनशन के दो सौ दिन पूरे होने पर सोमवार को शिमला में मंत्रियों के लिए एक सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया और सरकार की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की गई. इस दौरान संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि हिमाचल सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सद्बुद्धि देने के लिए करुणामूलक संघ ने हवन पाठ करवाया है. हवन विशेष तौर पर जयराम मंत्रिमंडल के जल शक्ति मन्त्री महेंद्र सिंह ठाकुर की सद्बुद्धि देने के लिए रखा गय था.

संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि आने वाले हर एक सप्ताह में जयराम सरकार के हर एक मंत्री के लिए सद्बुद्धि (karunamulak sangh Havan in shimla) हवन रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि भगवान वर्तमान सरकार को सद्बुद्धि दें और इन करूणामूलक आश्रित परिवारों के बारे में सरकार कोई सकारात्मक फैसला ले. उन्होंने कहा कि सरकार करूणामूलक क्लास-सी एजेंडा हेतु कैबिनेट में मोहर लगाकर नोटिफिकेशन नहीं करती, तो हम इसी तरह क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे कर हम आंदोलन में साथ देंगी.

उन्होंने कहा कि आज करूणामूलक (karunamulak sangh Hunger stirke) परिवारों को 200 दिन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हो गए हैं, परंतु सरकार ने इनके लिए अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. अजय कुमार ने कहा की हम इसी तरह भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे, चाहे हमें मर ही क्यों न जाएं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अभी भी करूणामूलक परिवारों के हित में कोई फैसला नहीं लिया, तो आगे प्रदर्शन को और उग्र किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाई है. जबकि, सरकार के पास विभिन्न विभागों में 4500 से ज्यादा मामले हैं. प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहें है. उन्होने बताया कि कई विभागों में कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने के बाद आश्रित परिवार दर-दर की ठोंकरें खाने को मजबुर हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल में इस तरह के सैकड़ों मामले हैं, जहां 15 साल बीत जाने के बाद भी आश्रितों को नौकरी नहीं मिल पाई हैं.

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