शिमला:अपराध की प्रकृति, गंभीरत, शुरुआती जांच और निजी एवं सामाजिक दुष्प्रभाव को ध्यान में रखते हुए हिमाचल हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने व धमकाने के आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं (Himachal High Court rejects anticipatory bail)खारिज कर दी. न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने कोतवाली बाजार धर्मशाला के स्वरित मल्होत्रा और रमन मल्होत्रा द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी.
2009 में हुई थी शादी: मामले में दिए तथ्यों के अनुसार धर्मशाला जिला कांगड़ा की रहने वाली युवती की शादी वर्ष 2009 में धर्मशाला के ही एक युवक से हुई थी और एक 13 वर्षीय बेटी भी है.आपसी तालमेल के अभाव में दोनों एक दूसरे से अलग हो गए और वह कांगड़ा में रहने लगी. इसी दौरान युवती की मुलाकात स्वरित मल्होत्रा से हुई. प्रार्थी स्वरित सात सालों से युवती के साथ प्रेम प्रसंग में रहा. हालांकि ,युवती का तलाक ना होने का हवाला देते हुए युवक ने युवती से शादी की मांग को दरकिनार कर दिया.