शिमलाः हिमाचल हाईकोर्ट ने एक फैसले के दौरान कहा कि सरकार का दिव्यांग लोगों के प्रति उदासीनता और लापरवाही भरा रवैया खेदजनक है. कोर्ट ने कहा कि जब केंद्र व राज्य सरकारें दिव्यांगों को नौकरी देने के लिए कम से कम 3 फीसदी कोटा दे रही है तो उनकी दिक्कतों को देखते हुए उन्हें एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर के लिए भी कुछ कोटा निर्धारित होना चाहिए.
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित जेबीटी अध्यापक पंकज कुमार की याचिका को स्वीकारते हुए यह आदेश दिए हैं. मामले के अनुसार प्रार्थी हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित होने के कारण अपना ट्रांसफर जिला मंडी से अपने गृह जिला कांगड़ा करवाना चाहता था.
प्रार्थी ने इसके लिए ट्रिब्यूनल में मामला दायर किया. ट्रिब्यूनल ने एलिमेंट्री शिक्षा निदेशक को आदेश दिए कि वह प्रार्थी के प्रतिवेदन उसकी बीमारी को देखते हुए सहानुभूति से फैसले ले. प्रार्थी के रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि स्थानांतरण नीति के तहत कर्मचारियों को ट्रांसफर करने का ऐसा कोई अनुबंध का प्रावधान नहीं है.