शिमला : नगर निगम शिमला के चुनाव (shimla municipal corporation elections) में अब समय लगेगा. हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन को निगम एरिया में पुनर्सीमांकन के आदेश (High court on Shimla MC election) दिए हैं. हाइकोर्ट के इस फैसले के मुताबिक प्रशासन को वार्डों के पुनर्सीमांकन (high court orders re delimitation) का आदेश दिया गया है. हाइकोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को फैसला सुरक्षित रखा था.
अप्रैल में होना थे चुनाव:शिमला नगर निगम चुनाव अप्रैल (Shimla MC election) में होने थे, लेकिन वार्डबंदी और आरक्षण रोस्टर पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पार्षद की तरफ से एक याचिका हाइकोर्ट में दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि पुनर्सीमांकन को लेकर नियमों का पालन नहीं किया गया. प्रार्थी ने याचिका में शहरी विकास विभाग सहित डीसी शिमला, चुनाव आयोग व एसडीएम शहरी व ग्रामीण शिमला को भी प्रतिवादी बनाया था.
फैसले का असर- हाई कोर्ट ने नगर निगम शिमला में किए गए पुनर्सीमांकन पर डीसी को पुनर्विचार करने के निर्देश जारी किए हैं. अब अदालत के आदेश के बाद नगर निगम चुनाव समय पर होने को लेकर संशय पैदा हो गया है. कारण ये है कि जब तक पुनर्सीमांकन नहीं हो जाता, चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं होगी. निगम का कार्यकाल 18 जून को पूरा होना है.
निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं:प्रार्थी का आरोप था कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने निगम वार्डों का पुनर्सीमांकन कर 41 वार्ड बनाने व आरक्षण रोस्टर तैयार करते समय निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और न ही हाईकोर्ट के इस संदर्भ में दिए निर्देशों का पालन किया. प्रार्थी के अनुसार कोर्ट ने सरकार व चुनाव आयोग को आदेश दिए थे कि लोकतांत्रिक चुनावों की प्रक्रिया आरंभ करने से पहले तमाम औपचारिकताएं कम से कम 3 महीने पहले पूरी कर ली जानी चाहिए, जिससे सभी पीड़ित पक्ष समय से आपत्तियां दर्ज करवा सके व जरूरत पड़ने पर समय रहते वे अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख सके.