शिमला:हिमाचल हाइकोर्ट (Himachal high court) ने सरकार को सुझाव दिया है कि अगर कोई व्यक्ति आपराधिक जांच में आरोपी न पाया जाए तो उसका नाम चार्जशीट में संदिग्ध के रूप में न दर्शाया जाए. कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर चार्ज शीट में 'संदिग्ध' दर्शाए जाने को गैर कानूनी करार देते हुए यह सुझाव दिया है. न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने नीरज गुलाटी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के बाद राज्य सरकार को यह आदेश जारी किए कि वह रिपोर्ट में जरूरी संशोधन करते हुए पुनः सक्षम न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करें.
याचिका में तथ्यों के अनुसार 3 अप्रैल 2016 को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 409, 411, 467, 468, 471, 201, 217, 218, 120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 के तहत इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी लिमिटेड (Indian Technomac Company Limited) व इसके कर्मियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन सीआईडी भराड़ी जिला शिमला में मामला दर्ज किया गया था. गौरतलब है कि प्रार्थी ने इस कंपनी में कंपनी सचिव के तौर पर लगभग 15 महीने तक काम किया था. हालांकि प्रार्थी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ था. मगर अभियोजन पक्ष द्वारा 19 मार्च 2020 को नाहन की अदालत के समक्ष दायर किए गए अनुपूरक आरोप पत्र में प्रार्थी को संदिग्ध दर्शाया था.