शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal high court) ने कालका शिमला फोरलेन (Kalka Shimla Fourlane) की इंजीनियरिंग और वास्तु त्रुटि पर संज्ञान लेते हुए एनएचएआई से जवाब तलब किया है. इस मामले में मुख्य सचिव सहित प्रदेश पुलिस प्रमुख, उपायुक्त सोलन, एसपी सोलन और फोरलेन बना रही कंपनी को प्रतिवादी बनाया गया है. मुख्य न्यायाधीश एए. सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किए.
सलोगड़ा निवासी रवि राय राणा द्वारा ई-मेल के माध्यम से लिखे पत्र पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. जान है तो जहान है नामक शीर्षक के जरिये अदालत को बताया गया कि इंजीनियरिंग से ही राष्ट्र का निर्माण होता है. इसके बिना राष्ट्र निर्माण की अपेक्षा नहीं की जा सकती. आज के जमाने में इंजीनियरिंग और वास्तु कला की सख्त जरूरत है. आरोप लगाया गया है कि यदि इंजीनियरिंग और वास्तु कला में जरा सी भी त्रुटि पाई जाती है तो हजारों मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है.