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हिमाचल हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्या फैमिली कोर्ट्स कानून के प्रावधान में हैं या नहीं ? स्पष्ट करें

हिमाचल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करने के (Himachal High court ask center) आदेश दिए हैं कि क्या फैमिली कोर्ट्स कानून के (Does family courts comes under the provision of law) प्रावधान में हैं या नहीं ? न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने यह आदेश उस याचिका पर पारित किए हैं, जिसमें प्रदेश के फैमिली कोर्ट्स को गैरकानूनी (Are Family Courts Illegal) ठहराने की बात कही गई है.

Himachal high court on family courts
फैमिली कोर्ट्स पर हिमाचल हाईकोर्ट का आदेश

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Published : Dec 1, 2021, 9:51 PM IST

शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करने के (Himachal High court ask centre) आदेश दिए हैं कि क्या फैमिली कोर्ट्स कानून के प्रावधान में हैं या नहीं ? न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने यह आदेश उस याचिका पर पारित किए हैं, जिसमें प्रदेश के फैमिली कोर्ट्स को गैरकानूनी (Are Family Courts Illegal) ठहराने की बात कही गई है.

प्रार्थी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की है, जिसके तहत प्रदेश में परिवार न्यायालय अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया गया हो. इसी कारण याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में परिवार न्यायालय बिना अधिकार क्षेत्र के काम कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने इसे गम्भीरता से लेते हुए कहा कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण (Does family courts comes under the provision of law) और गंभीर मुद्दा है.

हिमाचल हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल के (Himachal High Court Registrar General) साथ-साथ राज्य सरकार को भी निर्देश दिए हैं कि वह अदालत को सूचित करे कि क्या केंद्र सरकार द्वारा कोई ऐसी अधिसूचना जारी की गई है या नहीं ? अब मामले पर सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.

वहीं, प्रदेश हाईकोर्ट में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के (Junior Office Assistant case Himachal) पदों से जुड़े मामलों की सुनवाई 8 दिसंबर के लिए टल गई है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रेवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष (Judge Tarlok Singh Chauhan) इस मामले पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं के अनुसार वे इन पदों के लिए बनएभर्ती नियमों के तहत पात्रता रखते हैं, फिर भी उनकी उम्मीदवारी अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग ने गलत तरीके से रद्द कर दी.

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