शिमला: देशभर में कोरोना संक्रमण तेजी (COVID CASES IN HIMACHAL) से फैल रहा है. पहाड़ी राज्य हिमाचल भी अब संक्रमण की जकड़ में फंसता नजर रहा है. प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ता देख प्रदेश सरकार ने नाइट कर्फ्यू (NIGHT CURFEW IN HIMACHAL) का भी ऐलान कर दिया है. वहीं, अस्पतालों में भी कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (OMICRON IN HIMACHAL) और कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. हालांकि, कोरोना के बढ़ते मामले लोगों की चिंता बढ़ा रहे हैं.
बीते पांच दिनों की बात करें तो हिमाचल में कोरोना संक्रमण तेजी से अपने पांव पसार रहा है. आंकड़ों को देखें तो 1 जनवरी को हिमाचल में 83 नए मामले आए थे. 2 जनवरी को 76 मामले सामने आए थे. 3 जनवरी को 137 नए मामले सामने आए जबकि 4 जनवरी कोरोना के मामलों की संख्या दोगुनी हो गई. इस दिन एक साथ 260 मामले सामने आए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पांच जनवरी दोपहर दो बजे तक चार मामले सामने आए हैं.
विशेषज्ञ भी प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर चिंता जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि हिमाचल में अगले 20 दिन बाद मरीजों की संख्या 5 हजार के पार हो सकती है. ऐसी स्थिति में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला पर भी भार बढ़ सकता है. कोविड के दौरान इस बार भले ही प्रदेश ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए आत्मनिर्भर हो गया है, लेकिन बेड की संख्या कहीं न कहीं कम नजर आ रही है, जोकि चिंता का विषय है.
आईजीएमसी में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए कोविड वार्ड में बेड की संख्या 302 है. पहली लहर में अस्पताल में करीब 40 बेड ही ऐसे थे जिनपर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा थी. इसके बाद दूसरी लहर में बेड्स की संख्या को और बढ़ाया गया. फिलहाल आईजीएमसी में 105 बेड ऐसे हैं जो पूरी तरह से ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की सुविधा दे रहे हैं. अस्पताल प्रशासन ने पूरा ई-ब्लाक कोविड सेंटर में तब्दील कर दिया गया है. आईजीएमसी प्रशासन जरूरत पड़ने पर अस्पताल के मेडिसिन डिपार्टमेंट को भी डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में तब्दील कर सकता है.
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हिमाचल के किसी भी अस्पताल में अब तक ओमीक्रोन के टेस्ट की सुविधा नहीं है, इस लिए सबसे बड़ा खतरा तो ये है कि यदि कोई कोरोना मरीज ओमीक्रोन संक्रमित पाया जाता है, इसका पता लगने में ही 15 से 20 दिन बीत जाएंगे. इस दौरान संक्रमण के दायरे में हजारों मरीज आ जाएंगे. ऐसे में तीसरी लहर का खतरा ज्यादा दिख रहा है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि जब कोरोना कि पहली लहर आई थी तब इतनी जानकारी नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे अस्पताल संक्रमण के लिए सतर्क होता गया. इस बार अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी. आईजीएमसी में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट में एक मिनट के भीतर 300 लीटर ऑक्सीजन तैयार की जाएगी.
केंद्र सरकार से सुविधाएं मिलने के बाद आईजीएमसी में भी ओमीक्रोन के टेस्ट होने लगेंगे. अस्पताल में अभी तक 8 ही कोरोना संक्रमित एडमिट हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ओमीक्रोन से बचाव के लिए मास्क का प्रयोग करते रहे, भीड़-भाड़ से उचित दूरी बनाकर रखें, हाथ को समय-समय पर सेनेटाइज या धोते रहें, सर्दी जुकाम या कोरोना के लक्षण होने और तुरंत अस्पताल में जांच करवाएं. हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 229417 पहुंच गया है. वर्तमान में 847 कोरोना के एक्टिव मामले हैं. वहीं, अभी तक 224663 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं. प्रदेश में अभी तक कुल 4048216 लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं, जिसमें से 3818736 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. अभी तक कोरोना से 3862 लोगों की मौत हो चुकी है.
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल (HEALTH MINISTER SAIZAL ON OMICRON) का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से कोविड के मामले बढ़े हैं, ये चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इस वक्त एहतियात बरतना जरूरी है. बाहरी राज्यों से काफी संख्या में पर्यटक हिमाचल आ रहे हैं, जिससे चिंताएं बढ़ रही हैं. हालांकि, ओमीक्रोन का फिलहाल एक ही केस हिमाचल में आया है और डेल्टा के वेरिएंट से संक्रमित दो मरीज सामने आए हैं. ऐसे में भले ही हिमाचल सरकार पूरी तैयारियों का दावा करे, लेकिन कोरोना के मामलों की बढ़ती संख्या इन तैयारियों पर पानी फेर सकती है.
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