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हिमाचल में वरिष्ठ नागरिक सुविधा केंद्र होंगे स्थापित, आयुष विश्वविद्यालय की भी होगी स्थापना - हिमाचल वरिष्ठ नागरिक सुविधा केंद्र

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में कृषि और आयुर्वेद विभागों के साथ एक बैठक आयोजित की गई. जिसमें में वरिष्ठ नागरिक सुविधा केंद्र स्थापित किए जाने का फैसला लिया गया है. साथ ही जिला चम्बा में होम्योपैथी, नेचुरोपैथी एवं भारतीय चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना करने का भी निर्णय लिया गया.

Hp cabinet sub committee meeting
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Published : May 15, 2020, 9:04 PM IST

शिमला: प्रदेश कैबिनेट सब कमेटी ने शुक्रवार को शिमला, धर्मशाला, मंडी और हमीरपुर में वरिष्ठ नागरिक सुविधा केंद्र की स्थापना का फैसला लिया है. सब कमेटी के अनुसार इनमें असिस्टिड लिविंग, कुशल नर्सिंग देखभाल और आयुर्वेदिक केंद्र की सुविधा भी दी जाएगी.

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कृषि और आयुर्वेद विभागों के साथ एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विकासात्मक मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक के बाद सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बीजेपी हिमाचल प्रदेश के स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र-2017 को नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाया है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिमला, धर्मशाला, मंडी और हमीरपुर में एक कौशल हस्तांतरण केंद्र भी होगा, जहां वरिष्ठ नागरिक युवाओं को कौशल प्रदान करेंगे.

चम्बा में बनेगा आयुष विश्वविद्यालय

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जिला चम्बा में होम्योपैथी, नेचुरोपैथी एवं भारतीय चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जाएगी और योग को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा. स्वास्थ्य रिजॉर्ट, योग, पंचकर्मा एवं आयुर्वेद केंद्रों के विकास द्वारा चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा.

किसानों की आय दुगना करने पर जोर

उप-समिति के सदस्य एवं उद्योग मन्त्री बिक्रम सिंह ने कहा कि किसानों व बागवानों के कल्याण और उन्नति के लिए जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे उनकी आय को दोगुना किया जाए और उनके उत्पादों को बेहतर विपणन रणनीति के अनुसार बाजारों तक पहुंचाया जा सके.

उप-समिति द्वारा कृषि भूमि के मुआवजे के भुगतान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में किसानों को लाना, मार्केटिंग बोर्ड व मार्केट समितियों की कार्य प्रणालियों में सुधार लाना, ई-मार्केटिंग प्रणाली को प्रभावशाली बनाना, महिला किसानों के लिए ‘जननी प्रोग्राम’ के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा देश एवं विदेश के बड़े कृषि विश्वविद्यालयों के साथ फैलोशिप एवं इंटर्नशिप कार्यक्रमों की शुरूआत करने जैसे विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार कर उचित कदम उठाएगी.

प्रदेश में 19 मंडियों में ई-नाम प्रणाली

उप-समिति के सदस्य एवं वन मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 19 मंडियों को ई-नाम प्रणाली के अंतर्गत लाया गया है, जिसमें प्रदेश में 59 उत्पादों का व्यापार किया जा रहा है, जिनमें मुख्यतः फल व सब्जियां शामिल हैं.

अब तक 1,19,554 किसान व 1,947 व्यापारी ई-नाम द्वारा कृषि उपज का क्रय-विक्रय कर रहे हैं. मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत वर्ष 2019-20 के लिए अब तक 18.18 करोड़ रुपये की धनराशि लाभार्थियों के लिए सहायता के रूप में खर्च की गई.

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