शिमला: हिमाचल सरकार कुल्लू घाटी को वर्ल्ड हेरिटेज में पहचान दिलाने के लिए प्रयास करेगी. कुल्लू घाटी की देव परम्पराएं, यहां की पारंपरिक काष्ठकुणी भवन शैली की विशिष्टताओं सहित घाटी में मिलने वाली दुर्लभ जैव संपदा को हाई लाइट करते हुए दस्तावेज तैयार किया जाएगा. इसके लिए एक निजी एजेंसी की सेवाएं ली जाएंगी.
इस बारे में बुधवार को शिक्षा भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कुल्लू घाटी को यूनेस्को विश्व धरोहर के रूप में मनोनित करवाने के लिए एच.बी. टैक टीम के साथ बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि कुल्लू घाटी की काष्ठकुणी भवन शैली, ग्राम देवताओं की विशिष्ट परम्परा और इसका अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य कुछ ऐसी विशिष्टताएं हैं जिनके आधार पर कुल्लू घाटी को विश्व धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है.