शिमला:कुपोषण के मामले में बेहतर काम करने वाले हिमाचल प्रदेश ने बच्चों में (Malnutrition among children of Himachal) कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए एसओपी (SOP Himachal for malnourished children) तैयार की है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में 18 हजार 925 आंगनबाड़ी के केंद्रों में 5 लाख 99 हजार 643 लाभार्थियों को पोषण ट्रैकर पर रजिस्टर किया जा रहा है. वहीं, अति कुपोषित व माध्यम कुपोषित बच्चों में कुपोषण प्रबंधन के लिए एनआरएचएम तथा महिला एवं बाल विकास विभाग ने मिलकर एसओपी यानी मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की है.
मुख्यमंत्री मंगलवार को राज्य सरकार और नीति आयोग के पोषण (Malnutrition children in Himachal) और सहकारी संघ वाद विषय पर कार्यशाला में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को सबसे पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए कृतसंकल्प है. उन्होंने कहा कि हिमाचल का लगभग प्रत्येक क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है, लेकिन बेहतर सम्पर्क सुविधा यहां सबसे प्रमुख चुनौती है.
उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार और उन्नयन के लिए 400 करोड़ रुपये, मंडी जिले में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये और ज्वालामुखी मंदिर के लिए पेयजल और मल निकासी योजना के सुधारीकरण के लिए 20 करोड़ रुपये की अनुशंसा की है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक राजस्व घाटे वाला राज्य (Himachal Pradesh a revenue deficit state) है और विभिन्न आधारभूत संरचना परियोजनाओं में निवेश के लिए राज्य के पास सीमित साधन हैं. ऐसे में इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उदार सहायता की आवश्यकता है.
राज्य में रेल सम्पर्क बढ़ाने पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने इस विषय पर राज्य को क्षतिपूर्ति प्रदान करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे हिमाचल में रेल नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सत्त यातायात व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी (electric vehicle policy in himachal) तैयार की है, ताकि हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता विकास और इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केन्द्र बनाया जा सके और विद्युत चालित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग आधारभूत संरचना तैयार की जा सके.
इसके लिए विद्युत चालित वाहन निर्माता उद्योगों को अनुदान और प्रोत्साहन भी दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवा क्षेत्र में व्यय कर रही है. उन्होंने कहा कि खाद्य एवं फल प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि किसानों और बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके.