शिमला: हिमाचल सरकार ने वर्ष 2022 के लिए प्रसंस्करण श्रेणी के आम के प्रापण के लिए मंडी मध्यस्थता योजना लागू कर दी है. योजना के तहत 250 मीट्रिक टन सीडलिंग आम 10.50 रुपये प्रति किलो, 500 मीट्रिक टन ग्राफ्टेड आम 10.50 रुपये प्रति किलो और 500 मीट्रिक टन आचारी किस्म के आम का 10.50 रुपये प्रति किलो की दर से लिया जाएगा. फलों का प्रापण एचपीएमसी और हिमफेड द्वारा क्रेट्स में किया जाएगा और इन एजेंसियों को 1.30 रुपये प्रति किलो की दर से हैंडलिंग चार्जिज की अनुमति होगी. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तरह सीडलिंग आम का औसत विक्रय रिटर्न प्रति लाभ 2500 रुपये प्रति मीट्रिक टन, आचारी आम का 2500 रुपये प्रति मीट्रिक टन और ग्राफ्टेड आम का 3500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से आकलन किया गया है.
योजना के तहत 42 फल प्रापण केंद्र खोले जाएंगे. एचपीएमसी और हिमफेड द्वारा पिछले तीन से पांच वर्षों के प्रापण डेटा के आधार पर प्रापण केंद्र स्थापित करने के लिए समन्वय किया जाएगा. यह केंद्र प्रापण एजेंसियों द्वारा खोले जाएंगे और इनका संचालन एचपीएमसी और हिमफेड के स्टाफ द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि योजना के तहत वाष्पोत्सर्जन और हैंडलिंग प्रक्रिया के नुकसान के दृष्टिगत बागवानों/उत्पादकों से भार के आधार पर 2.5 प्रतिशत फलों का अतिरिक्त प्रापण (Horticulture in himachal ) किया जाएगा. योजना के तहत उन किसानों/बागवानों से फलों का प्रापण किया जाएगा जिनके पास बागवानी कार्ड और आम उत्पादन के तहत 10 बीघा या इससे कम जमीन है. ठेकेदारों से किसी भी फल का प्रापण नहीं किया जाएगा. राज्य में यह योजना एक जुलाई से 31 अगस्त, 2022 तक कार्यान्वित की जाएगी.