करसोग/मंडी: छोटी काशी मंडी सहित हिमाचल में लंबे समय से सूखे पहाड़ों को बारिश की बौछारों ने खूब भिगोया है. मंडी जिला में अचानक बिगड़े मौसम के मिजाज ने पिछले कई दिनों से धू-धू कर जल रहे पहाड़ों में आग की लपटों को भी शांत किया है. ऐसे में मौसम की मेहरबानी से बहुमूल्य वन संपदा भी राख होने से बची है.
प्रदेश भर में पिछले लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिली है. यहां पिछले 24 घंटो में 26.7 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से 21.8 फीसदी अधिक है. वहीं, प्रदेश की बात की जाए तो एक ही दिन में कुछ घंटों में मेघ सामान्य से 153 फीसदी अधिक बरसे हैं.
खासकर पिछले 24 घंटों के दौरान आठ जिलों में मानसून पहुंचने से पहले ही सामान्य से अधिक बारिश हुई है. सिर्फ चार जिले चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा व सिरमौर जिला ही ऐसे रहे जहां बादल सामान्य से कम बरसे हैं. सोलन जिला में तो झमाझम बरसात ने किसानों और बागवानों की उम्मीदों को पंख लगा दिए. इस जिले में सबसे ज्यादा सामान्य से 626 फीसदी अधिक बारिश हुई है.
किन्नौर में भी बादल सामान्य से 520 फीसदी अधिक बरसे है. इसी तरह से बिलासपुर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, मंडी, शिमला और ऊना में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई. बारिश के बाद प्रदेशभर के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. अच्छी बारिश से खेतों में मुरझा रही फसलों को संजीवनी मिली है.
वहीं, मानसून की बारिश के लिए अभी लोगों को इंतजार करना होगा. इस बार मानसून सामान्य से करीब एक सप्ताह देरी से आने संभावना जताई गई है. आने वाले दिनों में कुछेक स्थानों पर बारिश हो सकती है. मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह का कहना है कि 28 जून तक प्रदेश के एक या दो स्थानों पर बारिश हो सकती है.