शिमला: हाल ही में जयराम सरकार ने नए वेतन आयोग से संबंधित कर्मचारी वर्ग की अलग-अलग मांगों पर कई ऐलान किए हैं. सोमवार की कैबिनेट मीटिंग में पेंशनरों को भी नए वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वित्तीय लाभ दे दिए गए हैं. प्रदेश के 1.73 लाख पेंशनरों को मिले इस लाभ से सरकार के खजाने पर करीब 1800 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा, लेकिन सरकार को कई बार लोन देकर वित्तीय संकट से उबारने वाले हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों (Himachal Electricity Board employees) को इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा.
बिजली बोर्ड कर्मियों और पेंशनरों को वेतन आयोग के लाभ का अभी इंतजार (Pay commission benefits to HPSEB) करना पड़ेगा. नए वेतनमान को देने के बाद बोर्ड की आर्थिक स्थिति पर क्या फर्क पड़ेगा इसका अध्ययन करने के लिए बीओडी की बैठक में एक कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही बोर्ड द्वारा नए वेतनमान पर फैसला किया जाएगा. दो सप्ताह के भीतर कमेटी की रिपोर्ट आने के आसार हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को नया वेतनमान दिया जाने पर फैसला लिया जाना है.
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी अब जूनियर टी मेट तीन साल में हो सकेंगे पदोन्नत- ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुबंध काल को कम करने का फैसला लिया गया है जिसको बिजली बोर्ड में भी लागू किया गया है. इसके अनुसार अब जूनियर टीमेट की टीमेट पद के लिए तीन साल बाद ही पदोन्नति हो सकेगी. उन्होंने कहा कि इस समय बिजली बोर्ड में 1398 जूनियर टीमेट कार्य कर रहे हैं जिनको इसका सीधा लाभ मिल सकेगा.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुछ ग्रामीण इलाकों में जहां बिजला का बिल हर महीने नहीं दिया जा रहा हैं. वहां प्रति महीना 60 यूनिट के फ्री बिजली के हिसाब से ही बिल आएगा. उन्होंने कहा कि अगला बिल दो महीने के बाद आता है तो वहां 120 यूनिट तक बिजली बिल माफ होगा और अगर तीन महीने बाद बिल आता है तो 180 यूनिट बिजली का बिल माफ किया जाएगा. रोहड़ू के सुंडा में बन रहा हाई पावर सब स्टेशन 31 मार्च 2022 तक तैयार हो जाएगा और कार्य करना शुरू कर देगा.
उन्होंने दावा किया कि गुमा में बन रहे विद्युत सब स्टेशन को भी 31 मार्च तक शुरू कर दिया जाएगा. इसके अलावा चौपाल में 66 केवी सब स्टेशन (Electricity Substation in Chaupal) को भी 31 मार्च तक शुरू कर दिया जाएगा. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इन विद्युत सब स्टेशनों के शुरू होने से क्षेत्र के लोगों को बड़ा लाभ होगा और बिजली सप्लाई बाधित नहीं होगी. सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 100 से 150 किमी लंबी विद्युत लाइनें हैं. इतनी लंबी विद्युत लाइनों में बार-बार फाल्ट पड़ते रहते हैं जिससे पूरे क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बाधित होती है. लेकिन अब इन सब स्टेशनों के शुरू हो जाने से क्षेत्र वासियों को निर्बाध विद्युत सप्लाई दी जा सकेगी.
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