हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

प्रदेश DPE संघ दो भागों में बंटा, इन पदाधिकारियों ने बनाया अलग संघ

शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश डीपीई एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन नागटा ने बताया कि प्रदेश डीपीई संघ दो भागों में बंट गया है. उन्होंने कहा कि विचारों को लेकर मतभेद हो रहा था. इसी के चलते यह समस्या पैदा हुई और निष्कासित किए लोगों ने अपना अलग संघ बना लिया.

Himachal DPE association organized a press conference in shimla
फोटो

By

Published : Oct 6, 2020, 7:21 PM IST

शिमलाः प्रदेश डीपीई संघ दो भागों में बंट गया है. संघ में दो तरह के सदस्यों के शामिल होने से यह समस्या पैदा हुई है. जिसकी वजह से एसोसिएशन ने कुछ एक पदाधिकारियों को निष्कासित किया गया है. वहीं, कुछ पदाधिकारियों ने अपने पद से खुद ही इस्तीफा दे दिया है.

इसके अलावा कुछ पदाधिकारियों को संघ की ओर से समय दिया गया है की वह संघ में रहना चाहते हैं या नहीं, इस बात का स्पष्टीकरण दें. इसकी जानकारी शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश डीपीई एसोसिएशन अध्यक्ष मोहन नागटा ने दी.

वीडियो रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि एसोसिएशन से जिन लोगों को निष्कासित किया गया है, उसमें पूर्व प्रधान और मुख्य संरक्षक ललित चौहान, दिनेश जगटा मुख्य सलाहकार, प्रेम बिस्ट, संदीप धीमान, संतोष चौहान, दिनेश सौटा, राजीव ठाकुर हैं. इनको कार्यकारिणी से इसलिए निष्कासित किया गया, क्योंकि इन्होंने अपना अलग संघ बनाया है.

इसके अलावा प्रदीप ठाकुर वरिष्ठ उपप्रधान, अशोक चौहान ने अपने पद से खुद इस्तीफा दिया है. जिन लोगों ने अपने पद से इस्तीफा दिया है, उन्हें एक सप्ताह का समय अपना स्पष्टीकरण देने के लिए दिया गया है. अगर इस तय समय के बीच यह लोग इस्तीफा नहीं देते हैं तो इन्हें एसोसिएशन से निष्कासित कर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि संघ में एमपीएड और नॉन एमपीएड शामिल है तो उससे दिक्कतें आ रही थी. विचारों को लेकर मतभेद हो रहा था. इसी के चलते यह समस्या पैदा हुई और निष्कासित किए लोगों ने अपना अलग संघ बना लिया. हालांकि मोहन नागटा ने कहा कि अभी भी यह पदाधिकारी संघ में वापस आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है. इसके साथ ही संघ ने अपनी कुछ मांगें भी सरकार के समक्ष रखी है. जिसमें आर एंड पी रूल्स बनाने की मांग की गई है.

संघ का कहना है, डीपीई के लिए 1973 की बनाए गए आर एंड पी रूल्स को ही उन्हीं को थोप गया है, जिससे प्रमोशन और नियुक्ति से यह वंचित रह रहे हैं. इसके साथ ही एक ही पद पर दो तरह के वेतन दिए जा रहे हैं. 2008 से यह किया जा रहा है, जिसमें किसी को 5400 तो किसी को 5 हजार का वेतन दिया जा रहा है.

संघ ने मांग उठाई है कि अन्य विषयों की तर्ज पर ही सभी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में डीपीई की पोस्ट होनी अनिवार्य की जाएं और इसके लिए छात्रों की संख्या को मान्य नहीं रखना चाहिए, जिससे कि सभी बच्चों को शारीरिक शिक्षा और खेलकूद से महरूम न होना पड़े.

संघ के अध्यक्ष मोहन नागटा ने कहा कि नई एजुकेशन पॉलिसी लागू करने के लिए जो टास्क फोर्स गठित की गई हैं, उसमें डीपीई को भी प्रतिनिधित्व में रखा जाए. वहीं, कोविड 19 के समय में यह आवश्यक है कि शारीरिक गतिविधियां ज्यादा से ज्यादा हो तो इसके लिए सरकार इस विषय को आवश्यक रूप से सभी स्कूलों में लागू करें.

इसके अलावा पीटीई, सीडीपी प्रमोशन का कार्य जल्द पूरा किया जाए और जो पीटीए और पैरा डीपीई कि पोस्ट पर नियमित हुए है. उनकी ग्रेड पे को 3200 रुपये से 4200 रुपये किया जाए. बता दें की प्रदेश में शारीरिक शिक्षक 1530 पोस्ट डीपीई की है 236 कि आसपास खाली है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details