शिमलाःहिमाचल सरकार का कहना है कि रही डिजिटलीकरण प्रणाली अपनाने से विकास और नीति लागू करने के पारदर्शिता और सुशासन बढ़ा है. इससे सरकार की नीतियों की जानकारी आम लोगों तक आसानी से पहुंचती हैं और सरकारी योजनाओं के लागू करने में सुविधा होती है.
ऐसे में कोरोना वायरस के संकट में फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के साथ-साथ अन्य सभी उपयोगी वस्तुओं जैसे खाद्य वस्तुओं और दवाओं की आपूर्ति के लिए राजस्व विभाग के डिजास्टर मैनेजमेंट सेल द्वारा संचालित एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फंड स्थापित किया गया है. इस फंड में लोगों ने बढ़चढ़ कर अंशदान किया है.
सरकार का कहना है कि एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फंड कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य द्वारा किए जा रहे प्रयासों में योगदान देने का एक सुरक्षित और कारगर तरीका है और सरकार इस सार्वजनिक निधि के उपयोग के लिए पारदर्शिता से कार्य कर रही है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव डीसी राणा के अनुसार 10 अप्रैल से 15 जुलाई तक विभिन्न दानदाताओं से कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फंड में कुल 81,92,62,087 रुपये मिले हैं. कुल राशि में से 79,72,00,824 रुपये ऑफलाइन और 2,20,61,263. रुपये की राशि ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त हुई है. इसमें से विभिन्न जिलों, विभागों और संगठनों को 18,52,97,033 रुपये प्रदान किए गए हैं.
इसमें कुल 6,463 व्यक्तियों ने ऑनलाइन और 3,945 व्यक्तियों ने ऑफलाइन माध्यम से अंशदान दिया है. इसमें उद्योगपति, व्यापारी, संगठन, पंचायत, महिला मंडल, व्यक्ति और वे विद्यार्थी भी शामिल हैं, जिन्होंने इस महान कार्य के लिए अपना जेब खर्च का पैसा भी दे कोविड फंड में दान दिया.
कोविड फंड में अंशदान देने वालों में बाबा बालक नाथ ट्रस्ट, हमीरपुर प्रमुख योगदानकर्ता हैं. इन्होंने 6 करोड़ रुपये का अंशदान दिया है. अन्य योगदानकर्ताओं में, राधा स्वामी सत्संग, प्रॉक्टर एंड गैंबल होम प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड, मैन काइंड फार्मा लिमिटेड ने एक करोड़ का अंशदान किया है.