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थोड़ा इफ, थोड़ा बट.. हिमाचल में ये हो सकते हैं कांग्रेस के 'स्पेशल 68'

हिमाचल में सत्ता में वापिसी का ख्वाब देख रही कांग्रेस में टिकटों को लेकर वैसे तो शुरुआती राउंड की चर्चा हो चुकी है, लेकिन फाइनल लिस्ट पर मुहर लगना बाकी है. मौजूदा विधायकों को टिकट मिलना 100 फीसदी तय है. कुछ सीटों पर चेहरों को लेकर इफ एंड बट की स्थिति है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 17, 2022, 6:09 PM IST

शिमला: चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी दल उम्मीदवारों के मंथन में जुट गए हैं. दिल्ली से शिमला तक बैठकों का दौर चल रहा है. चुनावी मैदान में पहली बाधा टिकट वितरण की होती है. हिमाचल में सत्ता में वापिसी का ख्वाब देख रही कांग्रेस में टिकटों को लेकर वैसे तो शुरुआती राउंड की चर्चा हो चुकी है, लेकिन फाइनल लिस्ट पर मुहर लगना बाकी है. मौजूदा विधायकों को टिकट मिलना 100 फीसदी तय है. कुछ सीटों पर चेहरों को लेकर इफ एंड बट की स्थिति है.

इन सबके बीच पांच साल का इंतजार करने वाले कुछ नेताओं को जब ऐसा लग रहा है कि उनका टिकट कट सकता है तो वे पार्टी के साथ इमोशनल ब्लैकमेल, धौंस, नाराजगी जैसे दांव खेलने के लिए तैयार हो गए हैं. चौपाल में सुभाष मंगलेट का नाम ऐसे उदाहरण के तौर पर लिया जा सकता है. यही कारण है कि कांग्रेस की टिकट लिस्ट अभी भी होल्ड पर ही रह सकती है, ताकि नाराज लोगों को टूट-फूट, गुस्से, पार्टी छोड़ने जैसे कदम उठाने से रोका जा सके. फिलहाल, यहां हम ऐसे नामों की चर्चा कर रहे हैं जिनके टिकट पक्के हैं और जिनके नाम करीब-करीब फाइनल हैं.

ये 20 टिकट फाइनल- पहले उन नामों को देख लेते हैं, जो सिटिंग एमएलए हैं और जिनके नाम पर कोई संशय किसी को नहीं है. इनमें विधानसभा में विपक्ष की प्रथम पंक्ति में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर, जगत सिंह नेगी का नाम आता है. इनके अलावा हर्षवर्धन चौहान, विनय कुमार, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कर्नल धनीराम शांडिल, इंद्रदत्त लखनपाल, राजेंद्र राणा, नंदलाल, रोहित ठाकुर, सुंदर ठाकुर, मोहनलाल ब्राक्टा, अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह, भवानी सिंह पठानिया, आशीष बुटेल, सतपाल सिंह रायजादा, संजय अवस्थी का नाम शामिल है. मौजूदा विधायक पवन काजल और लखविंद्र सिंह कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए हैं. इस तरह कांग्रेस के ये 20 टिकट को पक्के हैं.

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2017 में हारे, लेकिन 2022 में भी टिकट की आस- कांग्रेस के कुछ दिग्गज 2017 का चुनाव हार गए थे, लेकिन टिकट की उम्मीद इस बार भी है. इनमें कौल सिंह ठाकुर का नाम प्रमुख है, आठ बार के विधायक, विधानसभा अध्यक्ष, पार्टी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रहे कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस में सीएम पद के उम्मीदवार माने जाते रहे हैं. वर्ष 2017 का चुनाव वे भाजपा के जवाहर ठाकुर से हार गए थे. इस बार भी मंडी जिला की द्रंग सीट से उनका टिकट लगभग पक्का है. इसके अलावा भरमौर सीट से पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी भी टिकट की दौड़ में सबसे आगे हैं. बिलासपुर से बंबर ठाकुर चुनाव हार गए थे, उन्हें फिर से टिकट मिलने के भरपूर आसार हैं. धर्मशाला से कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा भी 2017 में चुनाव हार गए थे, उनका टिकट इस बार भी तय लग रहा है. मंडी की बल्ह सीट से पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी चुनाव हारे थे, उन्हें भी टिकट मिलना लगभग तय है.

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इसी तरह नालागढ़ सीट से लखविंद्र सिंह राणा कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए हैं. ऐसे में यहां से कांग्रेस के बावा हरदीप सिंह को टिकट मिल सकता है. ऊना जिला में गगरेट से पूर्व विधायक राकेश कालिया, चिंतपूर्णी से कुलदीप कुमार का टिकट पक्का है. वहीं शिमला जिला की चर्चित सीट ठियोग से हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर का टिकट भी कन्फर्म की सूची में है. यहां अलबत्ता भाजपा से कांग्रेस में आई पूर्व विधायक स्व. राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा को मनाना पड़ेगा. बताया जा रहा है कि इंदु वर्मा टिकट के आश्वासन पर ही कांग्रेस में आईं थी.

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शिमला शहरी से कौन, पार्टी भी मौन-शिमला शहरी सीट से वीरभद्र सिंह परिवार के करीबी रहे हरीश जनार्था इस बार भी प्रबल दावेदार हैं. हालांकि हरीश जनार्था कोई चुनाव नहीं जीते हैं, लेकिन उनकी शहर में खासी पैठ है. यहां से प्रीती जिंटा के मामा यशवंत छाजटा भी दौड़ में हैं. नरेश चौहान का नाम भी नाम रेस में है लेकिन टिकट की रेस में हरीश जनार्था बाजी मार सकते हैं. कांग्रेस में फिलहाल मनाली, देहरा, सुलह, हमीरपुर, कुटलैहड़ में पेंच फंसा है.

कुछ सीटों पर घमासान तय-कांग्रेस में युवा नेता टिकट की मांग कर रहे हैं. उनमें सरकाघाट से यदोपति ठाकुर, किन्नौर से निगम भंडारी व भरमौर सीट से सुरजीत सिंह भरमौरी का नाम है. इन्होंने बागी होने का भी पूरा-पूरा मन बनाया है. दरअसल टिकट की दौड़ में युवाओं की अनदेखी पर कुछ चेहरे बगावत का बिगुल फूंक सकते हैं. कांग्रेस ऐसे युवा नेताओं के बगावती तेवरों को थामने की कसरत कर रही है. इसी तरह पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट के खुलेआम विद्रोही तेवर चौपाल में कांग्रेस को परेशान कर रहे हैं. पार्टी में चौपाल से इस बार रजनीश किमटा की दावेदारी पुख्ता है और टिकट भी करीब-करीब तय है.

कांग्रेस में ये नाम भी लगभग तय- कांग्रेस में चंबा जिला की सदर सीट से नीरज नैयर, भटियात से कुलदीप सिंह पठानिया, नूरपुर से अजय महाजन, ज्वाली से कांग्रेस के सीनियर लीडर चंद्र कुमार, जसवां परागपुर से सुरेंद्र मनकोटिया, ज्वालामुखी से पूर्व विधायक संजय रत्न, कांगड़ा सीट से सुरेंद्र काकू, नगरोटा सीट से पार्टी के कद्दावर नेता रहे स्व. जीएस बाली के बेटे रघुवीर सिंह बाली, शाहपुर से केवल सिंह पठानिया, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर, बंजार से भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए खीमीराम शर्मा, सुंदरनगर से पूर्व एमएलए सोहनलाल ठाकुर, मंडी सदर सीट से कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर, भोरंज से सुरेश कुमार, घुमारवी से राजेश धर्माणी का टिकट तय माना जा रहा है. सोलन जिला की दून सीट से पूर्व एमएलए रामकुमार चौधरी का टिकट भी लगभग पक्का है. कसौली सीट से पूर्व सांसद स्व. केडी सुल्तानपुरी के बेटे विनोद सुल्तानपुरी, पच्छाद से दयाल प्यारी, नाहन से अजय सोलंकी, पांवटा साहिब से किरनेश जंग भी सेफ मोड में हैं.

नाम तय फिर कब आएगी कांग्रेस की लिस्ट- उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी से लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति तक की बैठक हो चुकी है. गिनी चुनी सीटों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर सीटों पर नाम भी तय हो चुके हैं. सवाल है कि फिर कांग्रेस की लिस्ट कब जारी होगी ? दरअसल पहले कहा जा रहा था कि सोमवार 17 अक्टूबर को कांग्रेस पहली सूची जारी कर सकती है. लेकिन कांग्रेस के युवा नेताओं ने टिकट बंटवारे पर अपनी अनदेखी को लेकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया. जिसके बाद कहा जा रहा है कि युवाओं और बगावती तेवरों को देखते हुए पार्टी ऐसे नेताओं को मनाने में जुटी है. इसलिये उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में देरी हो रही है.

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