शिमला: देश सेवा करते हुए वीर सपूत जब शहादत पाते हैं तो जहां उनके परिवार उनके गांव, शहर और राज्य के लिए गर्व की क्षण होता है, लेकिन अपनों के लिए यह एक बड़ी क्षति भी होती है. बेटे की शहादत पर परिवार पूरी तरह से टूट जाता है.
गलवान घाटी में शहीद हुए हिमाचल के वीर सपूत अंकुश ठाकुर ने 21 साल की उम्र में अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दी. छोटी उम्र में शहादत का जाम पीने वाले अंकुश ठाकुर देश के लिए न्योछावर तो हो गए, लेकिन परिवार ने जो उनके लिए सपने संजोए थे वह अधूरे रह गए.
शहीद के परिवार की सरकार और संस्थाएं अपने तरीके से मदद करते हैं. कई बार आम लोग भी अपने स्तर तक शहीद के परिवार की मदद करते हैं. ठीक इसी तरह मानवता की मिसाल पेश करते हुए जिला शिमला की अमृतांशु शर्मा जो कि छात्रा हैं, वो परिवार की मदद को आगे आई हैं.
शिमला के मॉर्डन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल फागू की छात्रा अमृतांशु शर्मा ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपने जेब खर्च में से 5100 रुपये का चेक दिया है.
अमृतांशु शर्मा ने कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित बारहवीं की परीक्षा के कला संकाय में तृतीय स्थान हासिल किया है. अमृतांशु शर्मा के इस सराहनीय कदम की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी प्रशंसा की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के किए गए इस तरह के अनुकरणीय कार्य न केवल अन्य लोगों को प्रेरित करते हैं, बल्कि सरकार के समाज कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते हैं. जब अमृतांशु शर्मा ने सीएम कोष में चेक भेंट किया तो इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मौजूद रहे.