हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

कच्ची घाटी में एक इमारत को असुरक्षित मानते हुए उसे ध्वस्त करने के मामले में HC का स्थगन आदेश - demolition of a building in kachi ghati

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने कच्ची घाटी में एक इमारत को असुरक्षित मानते हुए उसे ध्वस्त करने के मामले में फिलहाल स्थगन आदेश पारित कर दिए हैं. विध्वंस के आदेश पर आठ सप्ताह की अवधि के लिए रोक लगा दी गई है. इसके अलावा जो दो बहुमंजिला इमारतें खतरे की जद है उनमें से एक हरी पैलेस नामक होटल है व इसके साथ एक अन्‍य इमारत हैं. इन दोनों इमारतों को भी खाली करा दिया गया था.

himachal highcourt
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय

By

Published : Oct 8, 2021, 9:10 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) ने कच्ची घाटी में एक इमारत को असुरक्षित मानते हुए उसे ध्वस्त करने के मामले में फिलहाल स्थगन आदेश पारित कर दिए हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ व न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ ने मोहिंदर सिंह द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात स्थगन आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि विचाराधीन इमारत को खाली कर दिया गया है और अब इमारत में कोई नहीं है.

वह कोर्ट के अगले आदेश तक संबंधित परिसर में कब्जा नहीं करेंगे. न्यायालय ने कहा कि विध्वंस पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश दिया जा सकता है और यदि इमारत बाद में ढह जाती है, तो याचिकाकर्ता जानमाल को हुए किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार होगा. इसी के मद्देनजर 04 अक्टूबर 2021 को जारी विध्वंस के आदेश पर आठ सप्ताह की अवधि के लिए रोक लगा दी गई है.

गौरतलब है कि कच्ची घाटी में पिछले हफ्ते 8 मंजिला इमारत के अचानक गिर जाने के कारण साथ लगती इमारतों के ढह जाने का अंदेशा बना हुआ है. जिस कारण जान व माल के नुकसान की आशंका बनी हुई है. आठ मंजिला में दर्शन कॉटेज में शिमला के बड़े कारोबारी गुरवचन सिंह और गुरमीत सिंह के परिवार रहते थे. इसके अलावा इसमें इस इमारत में के आर शर्मा, राजीव सूद, नारायण सिंह और विक्‍की सूद के परिवार रहते थे.

ये भी पढ़ें:हिमाचल में कई वर्षों से अटके पड़े हैं रोपवे प्रोजेक्ट, वित्तीय संसाधनों का आभाव और पर्यावरण मंजूरी है मुख्य कारण

सभी परिवारों को सुरक्षित दूसरी जगहों पर ठहराया गया है. इसके निजी दो मंजिला इमारत मकान था वह भी तबाह हो गया. यह मकान निर्मला भटट का था. इस परिवार को भी सुरक्षित जगह ठहराया गया है. एक अन्‍य दो मंजिला इमारत भी इस इमारत के ढहने से तबाह हुई है. इसका नाम नारायण कॉटेज था. इस इमारत में अशोक कुमार, बाबू राम और भीष्म दत के परिवार रहते थे. सभी सुरक्षित है और उन्‍हें भी सुरक्षित जगह ठहराया गया है.

इसके अलावा जो दो बहुमंजिला इमारतें खतरे की जद में हैं, उनमें से एक हरी पैलेस नामक होटल है और इसके साथ एक अन्‍य इमारत हैं. इन दोनों इमारतों को भी खाली करा दिया गया था. इस हादसे में किसी की जान नहीं गई थी.

ये भी पढ़ें:चुनावी जनसभा में बोले अनुराग ठाकुर: जिताऊ उम्मीदवार को दिया गया है टिकट, न जाने परिवारवाद की बात कहां से आई

ABOUT THE AUTHOR

...view details