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हिमाचल के सभी नेशनल हाईवे व अन्य सड़कों से 3 महीने में हटाएं अवैध कब्जे, HC का आदेश - Shimla latest news

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि प्रदेश के सभी नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और सड़कों से तीन माह में अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए. अदालत ने कहा कि कब्जाधारकों द्वारा आजीविका के लिए सड़क किनारे बनाए अस्थायी निर्माणों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. सार्वजनिक संपत्ति पर से कब्जा हटाने को अदालत अपने कर्तव्य से बाध्य है. अदालत ने कहा कि अवैध कब्जाधारियों को दयाभाव के आधार पर नहीं बख्शा जा सकता.

illegal occupation from all National Highways
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट

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Published : May 9, 2022, 7:26 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है. अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि प्रदेश के सभी नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और सड़कों से तीन माह में अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को उक्त आदेश की अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा है.

अदालत ने कहा कि कब्जाधारकों द्वारा आजीविका के लिए सड़क किनारे बनाए अस्थायी निर्माणों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. सार्वजनिक संपत्ति पर से कब्जा हटाने को अदालत अपने कर्तव्य से बाध्य है. अदालत ने कहा कि अवैध कब्जाधारियों को दयाभाव के आधार पर नहीं बख्शा जा सकता. ठियोग क्षेत्र के नरेल निवासी हरनाम सिंह उर्फ रिंकू चंदेल की याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने यह आदेश पारित किए.

याची ने अदालत से गुहार लगाई थी कि सड़क किनारे बनाए गए उसके ढाबे को न गिराया जाए, क्योंकि इससे वह अपने परिवार का भरण पोषण करता है. लोक निर्माण विभाग ने उसे नोटिस जारी कर ढाबे को हटाने का आदेश दिया था. इस आदेश को याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी. दलील दी गई कि याचिकाकर्ता अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए ढाबा चलाता है. इस ढाबे के कारण न को यातायात रुकता है और न किसी अन्य को कोई परेशानी होती है.

याचिका में दलील दी गई थी कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवैध निर्माण करने वाला वह अकेला नहीं है, बल्कि प्रदेश भर में लोगों ने सड़क किनारे अवैध निर्माण किए हैं और अपनी आजीविका कमा रहे हैं. इसलिए उसके अवैध निर्माण को हटाने के बारे में दिए गए आदेशों को रद्द किया जाए. अदालत ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि कब्जाधारियों द्वारा अपनी आजीविका के लिए सड़क किनारे बनाए गए अस्थायी निर्माणों को अनदेखा नहीं किया जा सकता.

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