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Himachal High Court order HRTC: प्रार्थी को नियमित किया जाए , जानें क्या है मामला - Himachal Hindi News

प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक मामले में यह व्यवस्था दी कि करुणामूलक आधार पर नौकरी उस पॉलिसी के आधार पर दी जाएगी जो प्रार्थी के पिता की मृत्यु के दौरान लागू थी. कीथ एंड किन पॉलिसी (Keith and Kin Policy) के मुताबिक करुणामूलक आधार पर नौकरी दिए जाने से जुड़े मामले में न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने उपरोक्त फैसला सुनाते हुए पथ परिवहन निगम को यह(Himachal High Court order HRTC) आदेश जारी किए कि प्रार्थी को 10 अप्रैल 2007 से सभी वित्तीय व अन्य लाभों सहित नियमित किया जाए.

Himachal High Court order HRTC
हिमाचल हाईकोर्ट

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Published : Dec 18, 2021, 7:33 PM IST

शिमला :प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक मामले में यह व्यवस्था दी कि करुणामूलक आधार पर नौकरी उस पॉलिसी के आधार पर दी जाएगी जो प्रार्थी के पिता की मृत्यु के दौरान लागू थी. कीथ एंड किन पॉलिसी (Keith and Kin Policy) के मुताबिक करुणामूलक आधार पर नौकरी दिए जाने से जुड़े मामले में न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने उपरोक्त फैसला सुनाते हुए पथ परिवहन निगम को यह(Himachal High Court order HRTC) आदेश जारी किए कि प्रार्थी को 10 अप्रैल 2007 से सभी वित्तीय व अन्य लाभों सहित नियमित किया जाए.

याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार पथ परिवहन निगम (Himachal Road Transport Corporation) में कार्यरत प्रार्थी के पिता की मृत्यु 25 अक्टूबर 2000 को हो गई थी, लेकिन प्रार्थी के नाबालिग होने के कारण वह तुरंत नौकरी के लिए आवेदन न कर सका. हालांकि , प्रार्थी के बालिग होने के तुरंत बाद उसने निगम को उसे नौकरी देने को लेकर आवेदन दिया,लेकिन पथ परिवहन निगम ने प्रार्थी को नियमित सेवा के आधार पर नौकरी देने के बजाय अनुबंध आधार पर नौकरी पर रख लिया.

उपरोक्त याचिका से पहले प्रार्थी ने हाईकोर्ट के समक्ष सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित फैसले के मुताबिक उसे अनुबंध के आधार पर दी गई सेवा की तारीख से नियमित किए जाने बाबत केस दायर किया था. हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर प्रार्थी के मामले पर विचार करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन निगम ने प्रार्थी के मामले को इस आधार पर रद्द कर दिया था कि प्रार्थी का मामला 5 फरवरी 2007 को उसे नौकरी देने बाबत प्राप्त हुआ था और भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में किए गए संशोधन के अनुसार उसे केवल अनुबंध आधार पर ही रखा जा सकता था. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि 25 अक्टूबर 2000 को जब प्रार्थी के पिता की मौत हुई थी ,उस समय अनुबंध के आधार पर नौकरी दिए जाने का प्रावधान नहीं था. इसके अलावा निगम द्वारा तय तारीख से पूर्व ही वह बालिग हो चुका था.

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