शिमला: अतिक्रमण से सिकुड़ रहे राजधानी के बाजारों को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. शहर के लोअर बाजार से एक महिला मरीज को ले जा रही एंबुलेंस कुछ देर के लिए फंस गई थी. हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अतिक्रमण रोकने के लिए नगर निगम प्रशासन शिमला को उपयुक्त स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश जारी किए. साथ ही हाईकोर्ट ने निगम प्रशासन से जानकारी मांगी कि अतिक्रमण करने वाले कितने कारोबारियों के लाइसेंस अभी तक रद्द किए गए हैं. अदालत ने निगम प्रशासन से तीन सप्ताह के भीतर इन सब सवालों पर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान निगम की तरफ से शपथपत्र दाखिल कर बताया गया कि शहर में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. अब तक 139 चालान काटे गए हैं और 47 हजार रुपये की राशि जुर्माने के तौर पर वसूली गई है. अतिक्रमण करने वालों पर 500 रुपए जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. निगम की तरफ से चार कर्मचारियों को लोअर बाजार में निगरानी के लिए तैनात किया गया है. अदालत ने पाया कि संशोधित नियमों के अनुसार 1000 रुपये जुर्माना और एक वर्ष की कारावास का प्रावधान किया गया है. अदालत ने निगम से आशा जताई है कि अतिक्रमणकारियों को संशोधित नियमों के तहत दंडित किया जाए.