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गुड़िया दुष्कर्म मामले की जांच फिर से करवाने को लेकर दायर याचिका पर टली सुनवाई - re investigation of Gudiya rape case

गुड़िया दुष्कर्म मामले की जांच एक बार फिर से करवाने को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) में दायर याचिका पर सुनवाई 8 दिसम्बर तक के लिए टल गई है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक (Chief Justice Mohammad Rafiq) व न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ में गुरुवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षकारों ने मामले पर अपना पक्ष रखा.

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

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Published : Oct 28, 2021, 8:49 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) में गुड़िया दुष्कर्म मामले की जांच एक बार फिर से करवाए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 8 दिसम्बर के लिए टल गई है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक (Chief Justice Mohammad Rafiq) व न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ के समक्ष मामले पर सुनवाई हुई. गुरुवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षकारों ने मामले पर अपना पक्ष रखा.

कोर्ट में प्रार्थी की ओर से दायर याचिका में सीबीआई की जांच पर खामियों को उजागर करते हुए इस मामले की जांच पुनः करवाने की मांग की गई है. याचिका में दिये तथ्यों के अनुसार सीबीआई ने इस मामले में सभी तथ्यों की तह तक जांच नहीं की है. मामले पर अगली सुनवाई 8 दिसम्बर को होगी.

बता दें कि गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में 4 साल बाद 18 जून 2021 को पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला. 2017 में हुए गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले को गंभीर मानते हुए सीबीआई इसकी जांच कर रही थी. आखिरकार शुक्रवार 18 जून को सीबीआई की ओर से जुटाए गए सबूतों के आधार पर स्पेशल कोर्ट ने आरोपी नीलू को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)1,376ए,302 और पॉक्‍सो अधिनियिम की धारा 4 के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.

जब हुई थी गुड़िया के साथ हुई दरिंदगी:4 जुलाई, 2017 को गुड़िया स्कूल से घर जा रही थी. रास्ते में नीलू ने उसे दबोच लिया और दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी. उस समय नीलू नशे में था. गुड़िया का शव छह जुलाई को मिला था. उसके बाद प्रदेश भर में जनता भड़क गई थी. आदतन अपराधी नीलू ने इससे पहले सिरमौर में भी एक महिला से छेड़खानी की थी और दराट के हमले में उसे बुरी तरह से घायल कर दिया था. उस मामले में बाद में उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी.

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