शिमलाः हाईकोर्ट ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को मूलभूत सुविधाएं प्रदान न करने पर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ये आदेश दिए हैं. अधिवक्ता तरुण पाठक ने मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर यह संज्ञान लिया है.
कोरोना वॉरियर्स को मूलभूत सुविधाएं न देने पर प्रदेश सरकार से जवाब तलब, 10 दिन बाद सुनवाई - पत्र मामले पर हाईकोर्ट की सुनवाई
हाईकोर्ट के नाम लिखे गए पत्र के अनुसार हिमाचल सरकार क्वारंटाइन किए गए मरीजों की देखभाल के लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी दिशा निर्देशों पर खरी नहीं उतर रही है. इस मामले पर हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी.
हाईकोर्ट के नाम लिखे गए पत्र के अनुसार हिमाचल सरकार क्वारंटाइन किए गए मरीजों की देखभाल के लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी दिशा निर्देशों पर खरी नहीं उतर रही है. जिसके तहत क्वारंटाइन संस्थान में उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर मेडिकल सुविधाएं व अन्य प्रकार की सुविधाएं शामिल है.
पत्र के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार कोविड-19 के मरीजों की देखभाल कर रहे डॉक्टरों को पीपीई किट जैसी मूलभूत सुविधाएं देने में भी विफल रही है. पत्र के माध्यम से प्रार्थी ने कोर्ट से आग्रह किया है कि प्रदेश सरकार को आदेश दिए जाएं कि वह केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत डॉक्टरों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाएं. इसके अलावा क्वारंटाइन हुए मरीजों के रख रखाव के लिए लीगल सर्विसेज अथॉरिटी या किसी अन्य एजेंसी को नजर रखने के लिए कहा जाए. वहीं, मामले की अगली सुनवाई 10 दिन के बाद होगी.