शिमला: ऐन चुनाव के समय पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट (modi cabinet decisions) ने हिमाचल के सिरमौर जिला की तीन लाख आबादी को खुश कर दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने गिरिपार इलाके के हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा मंजूर कर दिया है. करीब छह दशक पुरानी मांग पूरी होने से हाटी समुदाय बेशक खुश है, लेकिन लाख टके का सवाल ये है कि क्या इस फैसले से भाजपा को मिशन रिपीट में (modi cabinet decision on hatti ST) लाभ मिलेगा? जिला सिरमौर की पांच सीटों का गणित अब क्या बनेगा? हाटी समुदाय की तीन लाख की आबादी इस फैसले के बाद भाजपा को सिर माथे पर बिठा रही है.
शिमला के सांसद रहे प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप से लेकर मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप सहित शिलाई के भाजपा नेता बलदेव तोमर इस फैसले के बाद अपने-अपने तरीके से जनता के बीच जाएंगे. वहीं, हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने के खिलाफ भी आंदोलन चल रहा था. अनुसूचित जाति के लोग इसका विरोध भी कर रहे थे. भाजपा को उन्हें भी मनाना पड़ेगा. हाल ही के समय में हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय ने जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया. सिरमौर सहित अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किए गए. बड़ी बात ये थी कि इस आंदोलन में हाटी समुदाय की महिलाएं भी बड़ी संख्या में आगे आई थी. चुनाव के बहिष्कार तक का ऐलान किया गया. हाटी समुदाय की नाराजगी को लेकर भाजपा व कांग्रेस में बेचैनी नजर आई थी.
राजनीतिक दलों से जुड़े लोग जब आंदोलन (hatti community Fighting for Tribal status) करने वाले लोगों के बीच गए तो उन्हें मंच तक नहीं आने दिया गया. हाटी समुदाय इस बार आर-पार के मूड में था. उधर, भाजपा नेता बलदेव तोमर निरंतर ये कह रहे थे कि हाटी समुदाय को चुनाव से पहले जरूर जनजातीय दर्जा दिया जाएगा. केंद्रीय हाटी समिति के लोग भी इस बार आश्वस्त थे कि उनका केस मजबूत है. आरजीआई के समक्ष रखे गए तथ्य भी अकाट्य थे. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से भी सकारात्मक संकेत मिले थे. कुछ ही दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संकेत दिया था कि अगली कैबिनेट में ये मामला आएगा. उधर, आरजीआई के पास भी हाटी समुदाय की मांग को नकारने का कोई सॉलिड तर्क नहीं था. लिहाजा, आज केंद्रीय कैबिनेट ने इस मांग पर मुहर लगा दी.