शिमला:राजकीय संस्कृत महाविद्यालय (Government Sanskrit College Fagli) फागली और हिमाचल संस्कृत अकादमी के (Himachal Sanskrit Academy) संयुक्त तत्वावधान में शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में संस्कृत में ‘भारत विजयम’ नाटक का मंचन (Sanskrit drama at Gaiety Theater) किया गया. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे. नाटक के कथाकार मथुरा प्रसाद दीक्षित और नाटक का निर्देशन विनोद शर्मा ने किया. यह नाटक आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में तैयार किया गया था.
गेयटी थियेटर में ‘भारत विजयम’ नाटक का मंचन, संस्कृत को बढ़ावा देने पर बल - program at gaiety theater
Sanskrit drama at Gaiety Theater, में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में संस्कृत में ‘भारत विजयम’ नाटक का मंचन (Sanskrit drama at Gaiety Theater) किया गया. गुरुवार को हुए इस नाटक में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भी शिरकत की.
अंग्रेजों ने संस्कृत भाषा का नुकसान किया:इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संस्कृत को राज्य की दूसरी राजभाषा का दर्जा देकर अच्छी पहल की ,लेकिन अब हम सबको मिलकर संस्कृत को आगे बढ़ाना है. इसके प्रचलन को बढ़ाने के लिए संभाषण शिविरों में सहभागी बनने की आवश्यकता है. उन्होंने जानकारी दी कि राजभवन में भी संस्कृत संभाषण शिविर के माध्यम से संस्कृत को प्रोत्साहन दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि संस्कृत के शब्द देश के हर राज्य में बोले जाने वाली भाषाओं व उपभाषाओं में मिलते हैं. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने देश की एकता को खंडित करने वाले हमारे जो भी साधन थे उन पर आघात पहुंचाया. संस्कृत भाषा भी उनमें से एक थी.
हिमाचल का संस्कृत विश्वविद्यालय होगा:राज्यपाल ने शिक्षा की गुणात्मकता के लिए संस्कृत के प्रादुर्भाव पर बल दिया. इससे पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने राज्यपाल को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अवसर पर शिक्षा विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ,ताकि हमारे गौरवशाली इतिहास के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी मिल सके. उन्होंने संस्कृत को श्रुति से आगे बढ़ाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण पग उठाए हैं तथा हाल ही में दो नए संस्कृत कॉलेज अधिसूचित किए. उन्होंने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही प्रदेश का अपना संस्कृत विश्वविद्यालय भी होगा.