शिमलाः हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने केंद्र सरकार को प्रदेश के चीन की सीमा से सटे लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर कुछ एहतियाती उपाय सुझाए हैं. राज्यापाल ने इसे लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है.
राज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव को लेकर इन क्षेत्रों पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि तिब्बत और चीन के साथ हिमाचल की 260 किलोमीटर लंबी सीमा है, इसलिए किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.
प्रदेश के दूर-दराज के सीमावर्ती क्षेत्र में संचार और सड़क यातायात मजबूत किया जाना चाहिए. मौजूदा समय में भारतीय सेना की केवल एक स्वतंत्र ब्रिगेड किन्नौर जिला के पूह में तैनात है और भविष्य में भारतीय सेना की एक स्वतंत्र माउंटेन डिविजन की तैनाती की जानी चाहिए.
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि चीन की तरफ से आने वाले ड्रोन से निपटने के लिए बंदोबस्त करने की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि लाहौल और स्पीति जिला में सैनिकों की तुरंत तैनाती के लिए स्पीति क्षेत्र में एक हवाई पट्टी बनाई जानी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर यह हवाई पट्टी सैनिकों के लिए अग्रिम लैडिंग ग्रांउड की सुविधा दे सके.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस बेहतरीन कार्य कर रही है और किन्नौर व लाहौल-स्पीति जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा कर लोगों की सुरक्षा और विश्वास पैदा करने के लिए कार्य किया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गुप्तचर ऐजेंसियों, भारतीय सेना और आईटीबीपी द्वारा भी सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में सुरक्षा और विश्वास पैदा करने के लिए भी इस प्रकार के प्रयास की जरूरत है.
राज्यपाल ने कहा कि कुल्लू जिला के मनाली से लाहौल जिला के केलांग को जोड़ने वाले रोहतांग दर्रे के नीचे बन रही 3,978 मीटर लंबी अटल सुरंग का निर्माण कार्य जारी है. इस सुरंग के कार्यशील होने से साल भर मनाली-लेह मार्ग पर यातायात संचालित रहेगा जिससे सड़क परिवहन बढ़ेंगा. इस सुरंग की सुरक्षा बढ़ाने की भी जरूरत है. राज्यपाल ने कहा कि अगर इन सुझावों पर अमल किया जाता है तो भारत-तिब्बत/चीन सीमा पर भारत की स्थिति मजबूत होगी और स्थानीय लोगों में विश्वास पैदा होगा.
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