शिमला: हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के स्वर्ण जयंती समारोह में आउटसोर्स कर्मियों के शोषण का मुद्दा जोरो-शोरों से उठा. यूनियन के अध्यक्ष प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बोर्ड में कार्य कर रहे 2600 आउटसोर्स कर्मियों को समय से वेतन नहीं मिलने की बात उठाई और ऊर्जा मंत्री से मामले में हस्तक्षेप करते हुए इन कर्मियों के पक्ष में जल्द फैसला लेने की मांग भी की.
होटल पीटरहॉफ में हिमाचल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने ऊर्जा मंत्री से कहा कि पांवटा साहिब सहित प्रदेश के कई स्थानों पर विभाग में कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मी 6 महीने से अधिक समय तक बिना सैलरी के कार्य करने को मजबूर हैं.
उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों का ईपीएफ और ईएसआई फंड तक इनके अकाउंट में जमा नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में बड़ी संख्या में कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं लेकिन इस अनुपात में भर्तियां नहीं हो पा रही हैं ऐसे में प्रदेश सरकार को बोर्ड में कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मियों की सेवाओं को जारी रखना चाहिए. कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने जल्द नई भर्ती की मांग भी रखी.
किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा: समारोह में बोलते हुए ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि जल्द ही बिजली बोर्ड में विभिन्न पदों पर 1641 पद भरे जाएंगे. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जूनियर टी-मेट के पदोन्नति नियमों की समीक्षा की जाएगी और कर्मचारियों के लिए बेहतर पदोन्नति अवसर प्रदान किए जाएगे.