शिमला: CDS Bipin Rawat memories related to Himachal: देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हैलीकॉप्टर क्रैश में असमय मौत (CDS GENERAL BIPIN RAWAT DIED) से पूरा देश स्तब्ध है. शिमला में भी उनकी स्मृतियों से जुड़े लोगों में शोक की लहर है. जनरल रावत खुशदिल सेनानायक थे. नवंबर 2018 में लुधियाना में हिमाचल के डॉ. ओमेश भारती को जनरल बिपिन सिंह रावत के हाथों सतपाल मित्तल अवार्ड मिला था.
उस दौरान जनरल बिपिन सिंह रावत डॉ. ओमेश की रेबीज की रोकथाम के सबसे सस्ते उपाय की खोज से (discovery of Padma Shri Dr. Omesh Bharti) इस कदर प्रभावित हुए थे कि उन्होंने सेना के डॉक्टर्स को भी प्रशिक्षित करने की बात कही थी. बाद में डॉ. ओमेश भारती को रेबीज की रोकथाम का उपाय तलाशने के लिए जब पद्मश्री सम्मान मिला था, तो राष्ट्रपति भवन में जनरल बिपिन रावत ने उन्हें नाम लेकर संबोधित किया था.
स्मृतियों को खंगालते हुए भर्राए गले से डॉ. ओमेश भारती ने कहा कि उन्हें जनरल रावत के देहावसान से गहरा दुख (memories of cds rawat) हुआ है. ये देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है. डॉ. भारती ने बताया कि नवंबर 2018 में लुधियाना में रेबीज पर सफल शोध के लिए उन्हें सतपाल मित्तल अवार्ड से सम्मानित किया गया था. उन्हें ये अवार्ड जनरल बिपिन सिंह रावत के हाथों मिला था.
उस सम्मान समारोह में जनरल रावत ने डॉ. ओमेश भारती से आग्रह किया था कि वे सेना के डॉक्टर्स को भी इस बारे में प्रशिक्षित करें. जनरल रावत ने कहा था कि सेना के जवान विपरीत परिस्थितियों में काम करते हैं और डॉग बाइट का शिकार भी होते हैं. ऐसे में मेडिकल कोर को रेबीज प्रोटोकॉल की नॉलेज होना जरूरी है. डॉ. भारती ने बताया कि जनरल रावत ये जानकर बहुत खुश थे कि मैं हिमाचल से संबंध रखता हूं. जनरल बिपिन सिंह रावत उत्तराखंड (General Bipin Rawat Uttarakhand) से थे और इस नाते पहाड़ के साथ उनका सहज लगाव था. जनरल रावत ने अपनी शिमला की यादें साझा की.
डॉ. भारती बताते हैं कि जनरल रावत बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे और सच्चे अर्थ में राष्ट्र नायक थे. रेबीज की रोकथाम का सबसे सस्ता उपाय खोजने के बाद जब डॉ. भारती का प्रोटोकॉल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लागू किया तो उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. तब पदम सम्मान समारोह में राष्ट्रपति भवन में जनरल रावत ने डॉ. ओमेश भारती को नाम से संबोधित कर उनके साथ काफी देर तक बात की थी. उन्होंने पदम सम्मान मिलने पर डॉ. भारती को बधाई भी दी थी.
डॉ. ओमेश ने बताया कि जनरल रावत की धर्मपत्नी मधुलिका रावत भी बहुत ही स्नेहिल स्वभाव की थीं. डॉ. भारती के अनुसार जनरल रावत ने तब रेबीज की रोकथाम के उपाय और इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी ली थी. आज उनके निधन से पूरे देश में दुख की लहर है. डॉ. भारती ने बताया कि जनरल रावत उनकी स्मृतियों में सदा जीवंत रहेंगे.
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