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फल-सब्जी उत्पादकों पर पड़ कोरोना की मार, खेतों में ही सड़ रही फसल

फल-सब्जियों का व्यापार कर रहे कारोबारी और किसानों पर कोरोना महामारी की मार पड़ी है. आलम ये है कि किसानों और विक्रेताओं को बाजार में अपने उत्पाद के अच्छे जान नहीं मिल रहे हैं, जिससे उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Fruit and vegetable farmers
Fruit and vegetable farmers

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Published : Jul 19, 2020, 8:02 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 8:08 PM IST

शिमला: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से देश के हर वर्ग की आर्थिक स्थिति विकास की पटरी से नीचे उतर गई है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में फल-सब्जियों का व्यापार कर रहे कारोबारी और किसानों पर भी कोविड-19 की मार पड़ी है.

सब्जी विक्रेता लक्ष्मण ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से बाजार में सब्जियों के दाम पिछले साल के अपेक्षा इस साल बहुत कम मिल रहे हैं. साथ ही उत्पाद को मंडियों तक लाने के लिए मजदूर और गाड़ियां नहीं मिल रही है, क्योंकि लोग बाजार आने से डर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले साल शिमला मिर्च इन दिनों 60 से 70 रुपये प्रति किलो बिकती थी, लेकिन इस साल 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिक रही है.

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लक्ष्मण ने बताया कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से सब्जी विक्रेता ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि ट्रक ऑपरेटर्स ने माल ढुलाई के रेट बढ़ा दिए हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार से पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की मांग की है, ताकि उन्हें मंडियों तक उत्पाद पहुंचाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च न करने पड़े.

सब्जी विक्रेता विनोद वर्मा ने बताया कि मजदूर न होने से पिछले साल की अपेक्षा इस साल कम प्रोडेक्शन हुआ है और ऑर्डर पूरे करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि होटल बंद होने की वजह से सब्जियां बाहर नहीं जा रही हैं, जिससे माल की बिक्री नहीं हो रही है.

विनोद वर्मा ने बताया कि महामारी की वजह से सब्जियों की बिक्री न होने से बंद गोभी, चाइनीज खीरा, जुगनी, शिमला मिर्च, टमाटर, बीन्स जैसी फसलें खेतों में खराब हो रही हैं, जिससे किसान अपने इन उत्पादों को फेंकने पर मजबूर हैं.

सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि इस साल सब्जी का उत्पादन भी कम हुआ है, लेकिन बावजूद इसके जो दाम सब्जियों को मिलने चाहिए वो नहीं मिल रहे. अन्य सालों की अपेक्षा इस साल कई तरह की परेशानियां है. लेबर की समस्या तो है ही साथ ही पेट्रोल-डीजल की दामों में बढ़ोतरी से भी माल की ढुलाई महंगी पड़ रही है.

इसके अलावा मंडियों से अन्य राज्यों में जाने वाली स्पालई भी प्रभावित हो रही है. कोरोना काल के समय अन्य राज्यों में सरकार और जिला स्तर का प्रशासन कई तरह के फैसले ले रहा है, जिसका सीधा असर प्रदेश की मंडियों में पड़ रहा है. अभी हाल में ही में उत्तर प्रदेश में वीकेंड पर लगाए लॉकडाउन के फैसले के कारण हिमाचल से भेजी गई सब्जियों की सप्लाई प्रभावित हुई थी.

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Last Updated : Jul 19, 2020, 8:08 PM IST

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