हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

यादों के झरोखे से: जब शिमला आए मिसाइल मैन कलाम और हिमाचल को दिए थे विकास के नौ मंत्र 

पहाड़ों की राजधानी शिमला में पांच दिवसीय दौरे पर 16 सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन को लेकर तैयारियां जोरों पर है. 17 सितंबर को राष्ट्रपति विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. वहीं, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी विधानसभा को संबोधित कर चकुे हैं. उस दौरे के दौरान मिसाइल मैन कलाम ने हिमाचल को 9 मंत्र दिए थे.

यादों के झरोखे से
यादों के झरोखे से

By

Published : Sep 13, 2021, 7:34 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश में इस समय राज्य सरकार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) की यात्रा को यादगार बनाने की तैयारियों में जुटी है. राष्ट्रपति पांच दिवसीय दौरे पर 16 सितंबर को शिमला आएंगे. वह यहां हिमाचल विधानसभा (Himachal Assembly) के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. यह आयोजन हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के स्वर्ण जयंती वर्ष (golden jubilee year) पर हो रहा है. हिमाचल विधानसभा ने भी इस आयोजन की पूरी तैयारी कर ली है. राष्ट्रपति कोविंद के दौरे को देखते हुए यहां देश के एक महान सपूत की इसी संदर्भ से जुड़ी याद करना भी जरूरी है. यह स्मृतियां पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ( A P J Abdul Kalam) से जुड़ी हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पहले मिसाइल मैन के नाम से विख्यात पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी हिमाचल विधानसभा को संबोधित कर चुके हैं. दूरदर्शी व्यक्तित्व के मालिक मिसाइल मैन छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की क्षमताओं और सीमाओं को जानते थे. वह जानते थे कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियां और सीमित आर्थिक संसाधनों के बीच हिमाचल के लिए विकास का रास्ता आसान नहीं है. उन्होंने हिमाचल के विकास के लिए नौ मंत्र बताए थे.

बड़ी बात यह थी कि राष्ट्रपति कलाम को हिमाचल की जरूरत सघन बागवानी, मेडिसिनल व एरोमैटिक प्लांट्स(aromatic plants) की खेती और जल विद्युत क्षमता सहित पर्यटन (Tourism) की संभावनाओं का पता था. अब्दुल कलाम ने 23 दिसंबर 2004 को हिमाचल विधानसभा को संबोधित किया था. उस समय प्रदेश में वीरभद्र सिंह ( Virbhadra Singh)के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी और गंगूराम मुसाफिर विधानसभा के अध्यक्ष थे. तब वीरभद्र सिंह ने एपीजे कलाम की हिमाचल यात्रा से संबंधित स्मृतियों को अपनी फेसबुक वॉल (Facebook Wall) पर भी शेयर किया था. एपीजे अब्दुल कलाम के मन में हिमाचल के प्रति खूब आकर्षण था.

वह चाहते थे कि छोटा पहाड़ी राज्य होने के बावजूद हिमाचल विकास के रास्ते पर बड़े कदम रखे. तब हिमाचल आने पर विधानसभा में अपने यादगार भाषण में कलाम ने देवभूमि को तरक्की और समृद्धि के रास्ते पर तीव्र गति से चलने के लिए नौ मंत्र बताए थे. कलाम ने विकास के लिए नौ सूत्र देते हुए कहा था कि हिमाचल को साक्षरता, कौशल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा, ग्रामीणों को शहरी इलाकों जैसी सुविधाएं प्रदान करना, मेडिसिनल-हॉर्टिकल्चर, एरोमैटिक प्लांट्स सहित सघन बागवानी, जल स्रोतों का प्रबंधन, जलविद्युत क्षमता का वैज्ञानिक दोहन, इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन तकनीक (आईसीटी), पर्यटन व मूल्य वर्धित वस्त्र उद्योग पर ध्यान देना होगा.

उन्होंने इन सूत्रों पर विस्तार के साथ अपना मत व्यक्त किया था. हिमाचल विधानसभा में सदस्यों को संबोधित करते हुए कलाम ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि जनता की सेवा का उन्हें मौका मिला है. कलाम ने शिमला में एक पौधा भी रोपा था. इसके अलावा उन्होंने राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ(State Guest House Peterhof) में एनसीसी कैडेट्स (NCC Cadets) और एनएसएस के स्वयंसेवकों सहित बच्चों को भी मूल्यवान बातें बताई थीं. इन सभी अवसरों पर उन्होंने हिमाचल की खूबसूरती के यहां के शांत वातावरण का जिक्र करते हुए राज्य के लोगों के मेहनतकश स्वभाव को खूब सराहा था.

हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अनुसार एपीजे अब्दुल कलाम भारत मां के सच्चे सपूत थे. वीरभद्र सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर कलाम के चित्र भी पोस्ट किए थे. तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर के मुताबिक कलाम के व्यक्तित्व में गजब का आकर्षण था. शिमला के सरोग गांव (Sarog Village) में हिमाचल की लोक संस्कृति के कायल हुए थे. कलाम ने दिसंबर 2004 में ही राष्ट्रपति के अपने कार्यकाल के दौरान कलाम ने हिमाचल का एक गांव देखने की इच्छा जताई थी.

कलाम के दौरे के लिए शिमला जिला का सरोग गांव चुना गया. उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार (BJP government) थी. तब भाजपा नेता और प्रेम कुमार धूमल (Prem Kumar Dhumal) सरकार में कैबिनेट मंत्री, नरेंद्र बरागटा राष्ट्रपति के साथ मिनिस्टर इन वेटिंग थे. एपीजे कलाम के सम्मुख लोकनृत्य, लोकगीत पेश किए गए. लोक नृत्य चोल्टू व ठोडा पेश किया गया.

मिनिस्टर इन वेटिंग नरेंद्र बरागटा ने राष्ट्रपति कलाम को तब चोल्टू नृत्य व ठोडा के लोक व सांस्कृतिक पक्ष की जानकारी दी. बाद में हिमाचल के ख्याति प्राप्त लोकगायक किशन वर्मा (Folk singer Kishan Verma) ने एपीजे कलाम के समक्ष अपनी मंडली के साथ एक लोकगीत (Folk song) पेश किया. लोकगीत के बोल थे- 'मेरिए साएबुए चूटे लातो दे न कांडे, पांडे नीं आइंदू...' तब नरेंद्र बरागटा ने ही इस लोकगीत का अनुवाद कर कलाम को समझाया था. कलाम को हिमाचल की लोक संस्कृति से परिचित करवाने के लिए पारंपरिक लोकनृत्य ठोडा खेला गया. साथ ही चोल्टू नृत्य भी पेश किया गया.

लोकगायक किशन वर्मा ने अपनी मधुर आवाज में 'मेरी साएबुए चूटे लातो दे न कांडे, पांडे नीं आइंदू, गाया.' उन्होंने ढीली नाटी (लोकगीतों का एक प्रकार) भी प्रस्तुत की थी. कलाम के साथ मिनिस्टर इन वेटिंग के तौर पर मौजूद भाजपा नेता (अब स्वर्गीय) नरेंद्र बरागटा ने उन्हें लोकगीतों का मतलब समझाया था. कलाम ने उत्सुकता के साथ हिमाचल के संदर्भ में अनेक बातें पूछी थीं. खासकर लोक संस्कृति को लेकर वे बहुत जिज्ञासापूर्ण सवाल करते रहे.

उन्होंने देव वाद्य यंत्रों को लेकर भी कई सवाल पूछे थे. इसके अलावा कलाम ने सोलन और हमीरपुर का भी दौरा किया था. वह कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (Agricultural University Palampur) भी गए थे. साथ ही हमीरपुर में जनवरी 2009 में दीक्षांत समारोह में भी आए थे. अब मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हिमाचल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद का यह दूसरा शिमला दौरा है. मिसाइल मैन अब्दुल कलाम के बाद हिमाचल के गठन के उपरांत विधानसभा को संबोधित करने वाले कोविंद दूसरे राष्ट्रपति होंगे.

ये भी पढ़ें : मनाली क्षेत्र में स्थित है धरती के 'पहले मनुष्य' ऋषि मनु का मंदिर, अब सरकार उठा रही है ऐसा कदम

ABOUT THE AUTHOR

...view details