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राजन सुशांत ने बनाई अपनी पार्टी, 2022 में सभी सीटों पर किया चुनाव लड़ने का ऐलान

पूर्व सांसद राजन सुशांत ने क्षेत्रीय दल का गठन कर दिया है. राजधानी शिमला में रविवार को राजन सुशांत ने हमारी पार्टी, हिमाचल पार्टी का ऐलान किया है. साथ ही 2022 में सभी सीटों पर चुनाव लड़कर सरकार बनाने का दावा किया है.

Former MP Rajan Sushant made regional party in Himachal
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Published : Oct 25, 2020, 4:16 PM IST

शिमलाः पूर्व सांसद राजन सुशांत ने क्षेत्रीय दल का गठन कर दिया है. राजधानी शिमला में रविवार को राजन सुशांत ने 'हमारी पार्टी, हिमाचल पार्टी' का ऐलान किया है. साथ ही 2022 में सभी सीटों पर चुनाव लड़कर सरकार बनाने का दावा किया है.

इसके अलावा सत्ता में आते ही पहले दो लाख बेरोजगारों को रोजगार देने हिमाचल को कर्ज से मुक्त करने के साथ ही भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कही. पूर्व सांसद राजन सुशांत ने कहा कि हिमाचल में दो ही पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी सत्ता में काबिज हो रही हैं और दोनों ही पार्टियों ने हिमाचल के हितों को बेचने का काम किया है.

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उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए ही हिमाचल की अपनी पार्टी का गठन की जरूरत पड़ी है और ये लोगों की अपनी पार्टी होगी और जो पार्टी के लिए काम करेगा उन्ही को 2022 में चुनावों में मौका दिया जाएगा.

राजन सुशांत ने कहा कि हिमाचल की जनता को तीसरा विकल्प देने के लिए हिमाचल की अपनी पार्टी बनाई गई है, जिसमें नेता भी हिमाचल के होंगे और पार्टी को चलाने वाले लोग भी हिमाचल के ही होंगे.

पार्टी बूथ स्तर पर अपनी कमेटियों का गठन करेगी और संगठन को मजबूत करने का काम किया जाएगा. साथ ही 2022 में पार्टी 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतरेगी और प्रदेश में सत्ता हासिल करेगी.

इस दौरान उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा 13 लाख पहुच गया है और बेरोजगारों के साथ सरकारें मजाक करती आई हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश पर 57 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के हितों को पार्टी बिकने नहीं देगी और अब सड़कों पर उतर कर पार्टी आंदोलन शुरू करेगी.

पुरानी पेंशन बहाली के लिए करेंगे आंदोलन

राजन सुशांत ने कहा कि पार्टी के गठन के बाद पहला आंदोलन पुरानी पेंशन बहाली के लिए शुरू किया जाएगा. पार्टी कर्मचारियों के साथ मिल कर उनके हक की लड़ाई लड़ी जाएगी.

उन्होंने कहा कि वे भी अपनी पेंशन छोड़ चुके हैं और जब तक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती तब तक वे भी पेंशन नही लेंगे. हालांकि सभी पूर्व सांसदों विधायकों से भी अपनी पेंशन छोड़ने की अपील की गई थी, लेकिन कोई भी अपनी पेंशन छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ.

वहीं, शांता कुमार पर तंज कसते हुए राजन सुशांत ने कहा कि वे अपने आप को बड़े सिद्धांतवादी नेता समझते हैं, लेकिन कर्मचारियों के हित के लिए अपनी पेंशन तक नहीं छोड़ पा रहे हैं और हर महीने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हैं ओर एक चिट्ठी अपनी पेंशन छोड़ने की भी लिखें.

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