शिमला: हिमाचल प्रदेश में दूर-दराज के स्वास्थ्य संस्थानों में अब मेडिकल ऑफिसर्स की कमी नहीं रहेगी. गुरुवार को कैबिनेट ने 500 मेडिकल ऑफिसर्स के पद भरने को मंजूरी (medical officers will be appointed in Himachal) दी है. इनमें से तीन सौ पद वॉक-इन-इंटरव्यू के जरिए भरे जाएंगे. वहीं, दो सौ पद हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग के माध्यम से भरे जाएंगे. हिमाचल में लंबे समय बाद इतने बड़े पैमाने पर लोक सेवा आयोग के जरिए मेडिकल ऑफिसर्स के पद भरे जा रहे हैं. एक साथ दो सौ मेडिकल ऑफिसर्स की पोस्ट लोकसेवा आयोग के माध्यम से भरी जाएंगी.
लोकसेवा आयोग के माध्यम से मेडिकल ऑफिसर्स की नियुक्ति की मांग: लोकसेवा आयोग (Himachal Pradesh Public Service Commission) के जरिए पदों को भरने की मेडिकल ऑफिसर्स की हमेशा की मांग रही है. कारण ये है कि आयोग से आए डॉक्टर्स सीधे नियमित नियुक्ति पाते हैं. उनका भविष्य सुरक्षित होता है. हालांकि सरकार समय-समय पर लोक सेवा आयोग को डॉक्टर्स के पद भरने के लिए प्रक्रिया शुरू करने को कहती है, लेकिन लंबे समय बाद एक साथ दो सौ पद भरे जा रहे हैं.
300 पदों को वॉक-इन-इंटरव्यू प्रक्रिया से भरने का ऐलान:इसी साल सरकार ने कमीशन के जरिए 144 पद भरने को आयोग को सिफारिश की थी. इस तरह साल 2022 में कुल 344 पद कमीशन से भरे जाएंगे. इससे मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर चुके युवाओं को नियमित सेवा में आने का मौका मिलेगा. वहीं, वॉक-इन-इंटरव्यू से नौकरी हासिल करने वाले अनुबंध पर सेवाएं देते हैं. उन्हें वेतन भी कम मिलता है. अभी कैबिनेट (Himachal cabinet decisions) ने 300 पदों को वॉक-इन-इंटरव्यू प्रक्रिया से भरने का ऐलान किया है. ये पद एक माह के भीतर भरे जाने हैं.
मेडिकल ऑफिसर्स के कुल सृजित पद 2200 से अधिक: हिमाचल प्रदेश में पहली बार मेडिकल ऑफिसर्स के कुल सृजित पदों में से सभी पद भरे हुए हैं. सरकार ने इसके बाद 500 नए पद सृजित किए हैं और उन्हें भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. हिमाचल प्रदेश में इस समय मेडिकल ऑफिसर्स के कुल सृजित पद 2200 से अधिक हैं. अब इन पदों की संख्या 2700 से अधिक हो जाएगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट सत्र में 500 डॉक्टर्स की भर्ती (Medical Facilities in Himachal) का ऐलान किया था.
एक माह में पूरी होगी प्रक्रिया: हिमाचल में मेडिकल ऑफिसर्स की सेचुरेशन (medical officers in himachal) आने के बाद से वॉक-इन-इंटरव्यू प्रक्रिया स्थगित की गई थी. कारण ये था कि सृजित पद भरे जा चुके थे. अब 500 पदों को भरने की घोषणा के बाद कैबिनेट ने फिर से 300 पद वॉक-इन-इंटरव्यू से भरने और दो सौ पद कमीशन से भरने का फैसला लिया है. वॉक-इन-इंटरव्यू से भरे जाने वाले पदों की प्रक्रिया एक माह में पूरी हो जाएगी. इस समय हिमाचल प्रदेश में छह मेडिकल कॉलेज (Medical Colleges in Himachal Pradesh) हैं. इसके अलावा एक निजी मेडिकल कॉलेज है. ऐसे में हर साल 500 से अधिक एमबीबीएस डॉक्टर्स इन कॉलेजों से निकलते हैं.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री: एमबीबीएस पास करने वालों को मेडिकल ऑफिसर्स कहा जाता है. बाद में दो साल की सेवा पूरी करने पर कुछ डॉक्टर्स एमडी/एमएस की डिग्री करने के लिए चले जाते हैं. इस तरह मेडिकल ऑफिसर्स के पद निरंतर खाली भी होते रहते हैं. स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल (Himachal Health Minister Rajiv Saizal) का कहना है कि इससे पहले राज्य सरकार ने कमीशन के जरिए 144 मेडिकल ऑफिसर्स के पद भरे थे. अब इस बार 200 पद भरे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर्स के सभी पद भरे जाने संभव होंगे.
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