शिमला:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पांच दिव्यांग पीएचडी शोधार्थियों ने केंद्र सरकार की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फेलोशिप अर्जित कर एक नया इतिहास रचा है. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एमफिल और पीएचडी के विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर यह फेलोशिप देता (HPU handicapped students taking national fellowship) है. यह पहला अवसर है कि इतनी बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के दिव्यांग विद्यार्थियों ने यह सफलता प्राप्त की है. कुलपति आचार्य एसपी बंसल ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को उन पर गर्व है.
विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने बताया कि पीएचडी कर रहे जिन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय फेलोशिप मिली है. उनमें राजनीति विज्ञान विभाग की दृष्टिबाधित छात्रा प्रतिभा ठाकुर के अलावा चार शारीरिक दिव्यांग शोधार्थी-शिक्षाशास्त्र विभाग के मुकेश कुमार, इतिहास विभाग के राजपाल, योग विभाग के संजय भैरव और वाणिज्य विभाग के हेम सिंह शामिल (HPU handicapped students) हैं.नोडल अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हर वर्ष मेरिट के आधार पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के सिर्फ 200 चुनिंदा विद्यार्थियों को जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) के समकक्ष फेलोशिप प्रदान करता है.
उनमें से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पांच विद्यार्थियों को फैलोशिप मिलना गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श शिक्षण संस्थान के तौर पर विकसित हो रहा है. यहां विभिन्न विषयों में 8 दिव्यांग विद्यार्थी जूनियर रिसर्च फैलशिप प्राप्त करके पीएचडी कर रहे (national fellowship To HPU students) हैं. इनमें सवीना जहां एवं रमा (हिन्दी), अंजना ठाकुर (बॉटनी), श्वेता शर्मा (संगीत) अजय कुमार (इतिहास), पंकज शर्मा (एमटीए) अनु (संस्कृत) और विमल जाटव (पत्रकारिता) शामिल हैं.
विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए शिक्षा और हॉस्टल सुविधा बिल्कुल निशुल्क है. यही नहीं, दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सुगम्य पुस्तकालय भी (HPU handicapped students taking national fellowship) है. दृष्टिबाधित विद्यार्थी वहां टॉकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंप्यूटर पर अपनी पढ़ाई करते हैं. विश्वविद्यालय का पोर्टल पूर्णता बाधारहित है. विश्वविद्यालय परिसर और छात्रावासों को बाधारहित बनाने के लिए करीब 5 करोड़ रुपए की लागत से लिफ्ट, रैंप और बाधारहित शौचालय बनाए जा रहे हैं.
यही नहीं, हर शैक्षणिक विभाग में एमफिल और पीएचडी में उनके लिए हर वर्ष एक एक सीट आरक्षित रहती है.कुलपति आचार्य एसपी बंसल ने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई (national fellowship To HPU students) जाएंगी. उन्होंने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं. यदि उन्हें सुविधाएं और प्रोत्साहन मिले तो वे किसी भी ऊंचाई को छू सकते हैं.
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